गांधी परिवार लोकतांत्रिक वंशवाद का उदाहरण है: विकास उपाध्याय

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संसदीय सचिव, विधायक विकास उपाध्याय ने आज एक पत्रकार वार्ता में चर्चा के दौरान कांग्रेस में वंशवाद पर बोलने वाले विरोधियों को दिया करारा जवाब

रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ सरकार में संसदीय सचिव, विधायक विकास उपाध्याय ने आज एक पत्रकार वार्ता में चर्चा के दौरान कांग्रेस में वंशवाद पर बोलने वाले विरोधियों को करारा जवाब देते हुए कहा कि, गांधी परिवार लोकतांत्रिक वंशवाद का उदाहरण है।वो चुनाव लड़कर आते हैं, चुनाव में हारते और जीतते हैं। अपने हैसियत का बैक डोर से फायदा उठा कर राजनीति नहीं करते। विकास उपाध्याय ने कहा आज चुनौतियों के बीच राहुल गाँधी ही एक मात्र नेता हैं जो मजबूत विपक्ष की भूमिका व कांग्रेस पार्टी के लिए जरूरी है। कांग्रेस पार्टी उन्हें ही योग्य उत्तराधिकारी मानती है और मेरी माँग है कि अध्यक्ष के रूप में अब फिर से उनकी ताजपोशी हो जानी चाहिए।

विकास उपाध्याय संसदीय सचिव की जिम्मेदारी मिलने के बाद आज अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस नेताओं को आस बंधी है कि आखिरकार राहुल गांधी ही ऐसे नेता हैं जो 24 घंटे काम करने के साथ ही सबसे दोस्ताना व्यवहार रखते हैं।

विकास उपाध्याय ने कहा नए दौर की राजनीति में अनुभव और जोश का संगम बहुत जरूरी है। पुराने नेताओं के साथ- साथ युवाओं को नए दौर की राजनीति के साथ तैयार करना जरूरी है, तो राहुल गांधी की ताजपोशी अध्यक्ष रूप में भी जरूरी है और वे इसकी माँग करते हैं। विकास ने कहा राहुल गांधी को आज देश की जनता तो सीरियसली ले ही रही है। इसके साथ ही मोदी सरकार भी उनके द्वारा पूछे गए विदेश नीति खास कर चाइना के मामले में एक-एक सवाल का जबाब देने मजबूर है। कल ही की बात है राहुल गांधी एक वीडियो जारी कर समझाते हैं "एक देश को एक साथ कई चीज़ों की वजह से सुरक्षा मिलती है. इसमें पड़ोसियों और दूसरे मुल्कों के साथ उसके संबंध, अपनी ख़ुद की अर्थव्यवस्था और देश के नागरिकों की भावना और सोच शामिल हैं।" वो कहते हैं, "दूसरे देशों के साथ हमारे संबंध बीते छह सालों में बिगड़े हैं. कई देशों के साथ हमारे रणनीतिक तौर पर अहम रिश्ते थे लेकिन अब तो रिश्ते लेन-देन तक सीमित हो गए हैं. पड़ोसी मुल्कों के साथ-साथ विदेशी मुल्कों के साथ हमारे रिश्ते बिगड़ गए हैं। " "आज हमारे देश की अर्थव्यवस्था की हालत सही नहीं है, न ही दूसरों के साथ हमारे संबंध पहले जैसे रह गए हैं. ऐसे में चीन से सोचा कि यही सही वक्त है जब भारत के ख़िलाफ लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर आक्रामक हुआ जा सकता है।"इस गंभीर सवाल पर विदेश मंत्री को 10 ट्वीट कर सफाई देनी पड़ी है।

विकास उपाध्याय पत्रकारों से आज बहुत ही साफ तौर पर बात कर रहे थे और पीएम मोदी को लेकर ये भी कहा मोदी निर्विवाद रूप से देश के सबसे बड़े नेता हैं लेकिन अब भी उनके प्रभाव का विस्तार पूरे देश में नहीं है। विकास ने आगे कहा मोदी ने चुनाव से पहले और चुनाव के बाद जितने वादे किए हैं, जितनी उम्मीदें जगाई हैं, उनकी लिस्ट ही मोदी को परेशान करने के लिए काफी है, उसके लिए किसी राहुल की ज़रूरत नहीं है। ज़ाहिर है, देश को चमकाने के, रोज़गार के, काला धन वापस लाने के, किसानों की आमदनी दोगुनी करने, मेक इन इंडिया के, स्मार्ट सिटी बसाने जैसे सारे वादे अधूरे पड़े हैं। विकास उपाध्याय ने ये भी कहा मोदी नहीं तो फिर कौन? ये सवाल पूछने वाले भूल रहे हैं कि देश में अब भी संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था है, राज्यों में पचासों राजनीतिक दल सक्रिय हैं, भले मोदी की तरह एक चेहरा न दिख रहा हो लेकिन मोदी विरोधी गठबंधन के उभरने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

विकास उपाध्याय छत्तीसगढ़ सरकार की उपलब्धि के साथ-साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लेकर कहा कि चांस को सफलता में बदल देने, की जो कला हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल में है वो और किसी में नही है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा की राजनीति क्रिकेट से भी ज्यादा अनिश्चितताओं का खेल है, बावजूद भूपेश बघेल ने अपने काबिलियत के दम पर उन अनिश्चितताओं को ही पनपने नहीं दिया। विकास उपाध्याय कहते हैं भूपेश बघेल कांग्रेस के एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने सचमुच जमीन से लेकर आसमान तक अपना रास्ता खुद बनाया है। विकास ने कहा अगर सरकारें अपने बेहतर प्रशासन और योजनाओं से साबित कर दे कि वो लोगों को बेहतर जिंदगी दे सकती है तो शायद लोग दूसरी सरकारों की ओर एक बार भी रुख नहीं करेंगे " और यही बात छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार कर रही है। विपक्ष के लिए अब रह गया है तो बस वक्त बदलेगा, सरकार ग़लती करेगी और हमारा भी वक्त आएगा, जैसी बातें जो अब कभी नहीं आने वाला।

विकास उपाध्याय ने संसदीय सचिव के रूप में अपनी भूमिका को लेकर साफ शब्दों में कहा हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यदि कोई जिम्मेदारी दिए हैं तो उसकी ठोस वजह है और वो ये है कि सरकार का सकारात्मक और जन कल्याणकारी प्रयोग आम जनता को दिखे। सिर्फ कागजों में न रहे। मैं सरकार की उन सभी योजनाओं को एक- एक घर, एक- एक व्यक्ति तक पहुंचाने पूरे प्रदेश का लगातार दौरा करूँगा। खास कर जिस क्षेत्र को आज भी पिछड़ा कह कर पुकारा जाता है, ऐसे पूरे बस्तर क्षेत्र का काया कल्प मेरी प्राथमिकता में होगी। विकास उपाध्याय ने ये भी कहा अधिक से अधिक युवाओं को वे कैसे रोजगार मुहैया करा सकें इस बात पर उनका फोकस ज्यादा रहेगा।