
रायपुर (खबरगली) पारंपरिक पर्व हरतालिका तीज (तीजा) मंगलवार को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। इस पर्व को लेकर महिलाओं में खासा जोश देखने को मिल रहा है। तीजा से पहले रविवार को शहर के बाजारों में खरीदारी करने वालों की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे कई दिनों से मंदी झेल रहे व्यापारियों के चेहरे खिल उठे।
करेला 100 रुपये किलो तक पहुंचा
पर्व से एक दिन पहले यानी सोमवार को महिलाएं करू भात (करेला और चावल) खाकर निर्जला व्रत की शुरुआत करेंगी। परंपरानुसार, यह भोजन व्रत से पहले किया जाता है। इसी कारण बाजार में करेले की मांग सबसे अधिक रही और इसके दाम बढ़कर ₹100 प्रति किलो तक पहुंच गए।
बसों में भीड़, टिकट मिलना मुश्किल
हरतालिका तीज का पर्व अधिकतर महिलाएं अपने मायके में मनाती हैं। इसी वजह से नया बस स्टैंड और शहर की सड़कें तीजहारिनों से भरी रहीं। बसों और टैक्सियों में पैर रखने की भी जगह नहीं रही, ज्यादातर वाहन फुल लोड होकर रवाना हो रहे हैं। रात्रि पूजा और जागरण का विशेष महत्व तीजा व्रत में रात्रि पूजा का विशेष महत्व होता है। पुराणों के अनुसार, माता पार्वती ने इसी दिन निर्जला व्रत रखकर रात में भगवान शिव की पूजा की थी। इसी परंपरा के तहत व्रत रखने वाली महिलाएं रातभर जागरण, भजन-कीर्तन और ध्यान करती हैं। अगले दिन सुबह विसर्जन और पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारणा किया जाता है।
त्योहार से बाजारों में लौटी रौनक, व्यापारी खुश
तेज खरीदारी के चलते लंबे समय से मंद पड़े बाजारों में तेजी लौट आई है। कई दुकानों में रात 9 बजे तक ग्राहकों की भीड़ बनी रही। त्योहार के चलते साड़ियों, जेवरात, बर्तन, श्रृंगार और पूजन सामग्री की दुकानों में महिलाओं की भीड़ देखी गई। खासकर महिलाएं और युवतियां ब्रांडेड साड़ियाँ खरीदती नजर आईं, जिनमें चुनरी प्रिंट, सुभाष, लक्ष्मीपति और विपुल ब्रांड सबसे अधिक पसंद किए गए। युवतियां हल्के वर्क वाली फैशनेबल साड़ियाँ ज्यादा खरीद रही हैं। व्यापारियों का कहना है कि तीजा जैसे पारंपरिक त्योहारों से न केवल संस्कृति सजीव होती है, बल्कि स्थानीय बाजारों को भी नया जीवन मिलता है।
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