जस्टिस बीआर गवई होंगे देश के नए मुख्य न्यायाधीश

Justice BR Gavai will be the new Chief Justice of the country, senior Supreme Court judge Justice Bhushan Ramakrishna Gavai, Khabargali

नई दिल्ली (खबरगली) सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (Justice B. R. Gavai) भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) होंगे. भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्रालय की ओर से मंगलवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत राष्ट्रपति ने उनकी नियुक्ति को स्वीकृति दी है. जस्टिस गवई 14 मई 2025 से भारत के 52 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे. वे वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के सेवानिवृत्त होने के बाद यह जिम्मेदारी ग्रहण करेंगे. जस्टिस गवई अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले देश के दूसरे मुख्य न्यायाधीश होंगे, इससे पहले 2007 में जस्टिस के. जी. बालकृष्णन ने यह जिम्मेदारी संभाली थी.

जस्टिस गवई का ऐसा रहा अब तक का कानूनी सफर

 जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था. उन्होंने 16 मार्च 1985 को वकालत की शुरुआत की और 12 नवंबर 2005 को बॉम्बे हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए. मई 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया. अपने न्यायिक करियर के दौरान वे कई संवैधानिक पीठों का हिस्सा रहे और कई ऐतिहासिक निर्णयों में भागीदारी की.

ऐतिहासिक फैसलों में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

 अनुच्छेद 370

जस्टिस गवई उस पांच सदस्यीय पीठ का हिस्सा थे जिसने सर्वसम्मति से केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के निर्णय को वैध ठहराया. यह निर्णय ऐतिहासिक रूप से राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त करने से जुड़ा था. चुनावी बॉन्ड: वे उस संवैधानिक पीठ में भी शामिल थे जिसने राजनीतिक फंडिंग के लिए लाए गए चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक घोषित किया.

नोटबंदी

वर्ष 2016 की नोटबंदी को लेकर जब सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा, तब पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत से केंद्र सरकार के फैसले को वैध ठहराया. इस फैसले में जस्टिस गवई भी बहुमत के पक्ष में थे.

आरक्षण में उप-वर्गीकरण

 जस्टिस गवई सात सदस्यीय संविधान पीठ में भी शामिल थे, जिसने 6:1 के बहुमत से फैसला दिया कि राज्य सरकारें अनुसूचित जातियों के भीतर अति-पिछड़े वर्गों का उप-वर्गीकरण कर सकती हैं. यह फैसला सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना गया.