बेटे पर एफआईआर से भड़के पूर्व मुख्यमंत्री
कवर्धा / रायपुर (khabargali) कवर्धा में पिछले 117 घंटे के तनाव के बीच पिछले हिंसक झड़प तो थम गया लेकिन इसके बाद सियासी हंगामा जारी है। बहरहाल कर्फ्यू में कुछ समय की छूट के बीच पुलिस चप्पे चप्पे पर तैनात है। सर्वसमाज की बैठक व शांति रैली के बाद कवर्धा में स्थिति फिलहाल नियंत्रित हैं लेकिन आगे कुछ न हो इस पर भी पुलिस की पैनी नजर है। शनिवार को कवर्धा जिले में मुस्लिम समुदाय के लोग शहर के सबसे पुराने दुर्गा पूजा पंडाल में पहुंचे और वहां भगवा तोरण और ध्वज बांधा। झंडे के ही विवाद के चलते जिले में हिंसा भड़की थी। शनिवार को पंडरिया नगर क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के लोग पुराने बस स्टैंड स्थित दुर्गा पूजा पंडाल श्री पुष्पांजलि दुर्गा उत्सव समिति में पहुंचे। वहां सभी को नवरात्रि की बधाई दी। इसके बाद साथ लाए माता के ध्वज और भगवा तोरण को खुद बांधा। साथ में मुस्लिम समुदाय के छोटे-छोटे बच्चे भी पहुंचे थे। उनके हाथ में भगवा ध्वज था, जो उन्होंने पूरे उत्साह के साथ खुद भी इलाके में बांधने में सहयोग किया। इस दौरान सिख समुदाय के लोग भी मौजूद थे।
पूरा मामला प्रायोजित था : आईजी
इधर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा है कि पूरा मामला प्रायोजित था। लोग रायपुर के माना, गुढिय़ारी, बेमेतरा से मुंगेली से वहां पहुंचे थे। वो क्या करने गए थे। इसकी इन्वेस्टिगेशन हो रही है, सब साफ हो जाएगा।
इन भाजपा नेताओं के खिलाफ FIR
कर्वधा शहर में 5 अक्टूबर को हुए उपद्रव के बाद राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप के बीच सीसीटीवी फूटेज के आधार पर कई लोगों की गिरफ्तारी हुई है वहीं कुछ की तलाश है। पुलिस ने 3 अलग-अलग FIR दर्ज की थी। एफआईआर में वरिष्ठ नेताओं का नाम भी जोड़े गए हैं। इनमें सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी, अशोक साहू, प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, भाजयुमो जिलाध्यक्ष पीयूष ठाकुर, VHP जिला प्रमुख नंदलाल चंद्राकर सहित कैलाश चंद्रवंशी, राजेंद्र चंद्रवंशी, पन्ना चंद्रवंशी, उमंग पांडेय, राहुल चौरसिया, भुनेश्वर चंद्राकर के नाम शामिल हैं ।
प्रशासन का उपयोग राजनीतिक दृष्टि से किया जा रहा: डॉ रमन
पुलिस ने पूर्व सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे अभिषेक सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। शुक्रवार को सामने आई इस खबर के बाद डॉ. रमन सिंह की प्रतिक्रिया भी सामने आई। डॉ. रमन ने कहा है कि एक समूह को प्रताडि़त किया जा रहा है, इससे गांव-गांव में स्थिति विस्फोटक होगी। आज तो हम शांति से हल ढूंढना चाहते हैं।उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जिस तरह से प्रशासन का उपयोग राजनीतिक दृष्टि से किया जा रहा है ये स्थिति को खराब कर रहे हैं। 70 बच्चों को गिरफ्तार किया गया है। ये ठीक नहीं है। जब तक कवर्धा हिंसा मामले में ज्यूडिशियल इनक्वायरी नहीं होगी तब तक निराकरण नहीं होगा। इधर शुक्रवार रात भाजपा नेताओं का प्रतिनिधि मंडल राजभवन पहुंचा। वहां राज्यपाल से मुलाकात के बाद इस मामले में दखल देने को कहा। प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल अनुसुईया उइके से इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
वहां लगातार नजर रखी गई है : सीएम
कवर्धा विवाद पर सीएम भूपेश ने कहा कि सब शांति है. वहां लगातार नजर रखी गई है. नेता प्रतिपक्ष कौशिक को ऐसा लगता है कि कार्रवाई नहीं हो रही है, तो पुलिस को जाकर नाम दें. उस मामले पर भी जांच होगी. उस पर जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. दरअसल नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि कवर्धा मामले में दोषियों को छोड़ दिया जा रहा है. कार्रवाई नहीं हो रही है.
कवर्धा मामलें में न करें राजनीति,दिखाने से कुछ नहीं होता-अकबर
कवर्धा हिंसा मामले में मंत्री और कवर्धा विधायक मो. अकबर का भी बयान सामने आया। उन्होंने रायपुर स्थित अपने सरकारी बंगले में मीडिया से कहा हम वहां जल्द जाएंगे, शांति व्यवस्था विधायक और सरकार की जिम्मेदारी है। जाकर खुद को दिखाने से कुछ नहीं होता, मैं मिनट-टू-मिनट जानकारी ले रहा हूं। जिस झंडे को हटाने से विवाद हुआ उसे मैंने ही दोबारा लगवाया। वहां के लोग शांतिप्रिय हैं। मामले में भाजपा किसी प्रकार की राजनीति न करे बल्कि शांति व्यवस्था व कानून बनाये रखने में प्रशासन की मदद करे।
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