ऑनलाइन क्लासेज छोटे बच्चों पर शारीरिक ,मानसिक अत्याचार है.;डॉ .दिनेश मिश्र

dr dinesh mishra, eye specialist, khabargali

ऑन लाइन क्लास,वर्क फ्रॉम होम से नेत्र विकार बढ़ेंगे.

रायपुर (khabargali)वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा है ,ऑन लाइन क्लास ,तथा वर्क फ्रॉम होम से बच्चों एवं युवाओं में नेत्र विकार बढ़ेंगे.ऑन लाइन क्लास छोटे बच्चों के के लिए शारीरिक एवं मानसिक अत्याचार है.प्रशासन,नीति निर्धारकों,स्कूलों को इस तथ्य पर गम्भीरता से विचार कर निर्णय लेना चाहिए.

डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि कोरोना जैसे वायरस के सामूहिक संक्रमण से बचाव के लिए स्कूल ,कॉलेज पिछले मार्च से बंद हैं, वहीं कार्यालयों में उपस्थिति अभी भी कम है,स्कूलों में ऑन लाइन क्लासेस चल रही हैं, कुछ स्कूलों में प्री प्रायमरी, प्रायमरी, मिडिल ,स्कूलों में ऑन लाईन क्लासेस शुरू हो चुकी हैं,जिनमें 4 साल के बच्चों से लेकर किशोर वय के बच्चों की भी क्लासेस लग रही हैं जिसमें ,होम वर्क, प्रोजेक्ट भी दिया जाता है,जिससे बच्चों के साथ साथ उनके पालकों को भी मोबाइल पर तैयार रहना पड़ता है,जिनमें से कई तो इसके पूरी तरह अभ्यस्त ही नहीं होते,और बहुत के पास स्मार्टफोन भी नहीं है. बच्चों की आंखें अपेक्षाकृत अधिक नाजुक व संवेदनशील होती हैं और वे इस प्रकार लम्बे समय के एक्सपोज़र लायक नही होती,मोबाइल लम्बे समय तक उपयोग करने पर व्यक्ति /बच्चा ही पलकें झपकाता है ,न ही बीच बीच में आँखों को आराम देता है ,जिससे आँखों में तनाव बढ़ता है ,थकान ,दर्द ,दृष्टि दोष के साथ ही सूखा पन ड्राइ नेस होने की सम्भावना बढ़ जाती है. कम्प्यूटर पर लगातार काम करने वाले युवा वर्क फ्रॉम होम में भी संलग्न कर्मचारियों के साथ भी इन्हीं समस्याओं के होने के मामले आते रहते हैं,मोबाइल ,इलेक्ट्रॉनिक गजेट की ब्राइटनेस भी तकलीफें बढ़ाती हैं,जिनके कारण आजकल आंखों में ड्राई नेस,सूखेपन, एलर्जी, के मरीज बढ़े हैं. जो कि चिन्ता का विषय है.डॉ दिनेश मिश्र ने कहा कि छोटे बच्चों की ऑनलाइन क्लास ,बन्द होना चाहिए ताकि उन्हें कम उम्र से ही नेत्र विकारों का सामना न करना पड़े. जिससे उनकी आँखों के साथ खिलवाड़ न हो ,उन पर शारीरिक मानसिक अत्याचार न हो ,बल्कि जो अन्य जो लोग भी कम्प्यूटर ,मोबाइल, लैपटॉप के सम्पर्क में रहते हैं उन्हें सावधानी रखनी चाहिए, पलकें झपकने से आंखों में नमी बनी रहती है,खाने में हरी सब्जी ,सलाद,फल,दूध,,पानी तरल पदार्थ की मात्रा बढना चाहिए, अंधेरे में मोबाइल का उपयोग,अधिक लम्बे समय तक लगातार कम्प्यूटर, लैपटॉप इलेक्ट्रॉनिक गजेट का उपयोग भी परेशानी पैदा कर सकता है ,कम्प्यूटर ,मोबाइल पर काम करते समय हर बीस मिनट में 20 सेकंड के लिये आंखों को विश्राम देना चाहिए,ताकि आँखे स्वस्थ रह सकें -

डॉ. दिनेश मिश्र वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ