पंडित सुन्दर लाल शर्मा अलंकरण एवं 136वीं जयंती का गरिमामय समारोह संपन्न

Pandit sundarlal sharma
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सामाजिक चेतना के क्षेत्र में पंडित सुन्दर लाल शर्मा को कभी भुलाया नहीं जा सकता - मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री ने पं. सुन्दर लाल शर्मा स्कूल के विकास के लिए 10 लाख रूपए प्रदान करने की घोषणा की

रायपुर (khabargali) मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित सुन्दर नगर स्थित पंडित सुन्दर लाल शर्मा उच्चतर माध्यमिक शाला में आयोजित पंडित सुन्दर लाल शर्मा अलंकरण एवं 136वीं जयंती समारोह में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर समाज में विशिष्ट योगदान देने वाले 10 महिला एवं पुरूषों को शॉल, श्रीफल तथा चेक और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया और पंडित सुन्दर लाल शर्मा - छत्तीसगढ़ के गांधी नामक पुस्तिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पंडित सुन्दर लाल शर्मा उच्चतर माध्यमिक शाला के विकास के लिए 10 लाख रूपए प्रदान करने की घोषणा भी की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे तथा शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री विकास उपाध्याय, पूर्व मंत्री तथा विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल और महापौर श्री प्रमोद दुबे उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि पंडित सुन्दर लाल शर्मा छत्तीसगढ़ के महान समाज सेवी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और विख्यात साहित्यकार थे। सामाजिक चेतना के क्षेत्र में उनके नाम को कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्री बघेल ने आगे कहा कि चाहे कोई भी युग हो अथवा काल हो, इसमें महान समाज सुधारक तथा मनीषियों के दृष्टिकोण से छत्तीसगढ़ की विशिष्ठ भूमिका रही है। यहां की धरा पर हर समय तथा महत्वपूर्ण कालखण्ड पर महान मनीषियों तथा विदुषियों का प्रभाव रहा है। इनमें त्रेता युग में भगवान राम के वन गमन, द्वापर युग में श्री कृष्ण की लीलाएं, सिरपुर में पाए जाने वाले बौद्ध कालीन अनमोल धरोहर और आजादी की लड़ाई के समय वीर सपूत वीर नारायण सिंह और पंडित सुन्दरलाल शर्मा जैसे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का योगदान उल्लेखनीय है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की महान कला संस्कृति, साहित्य तथा परंपरा के संरक्षण और संवर्धन के लिए हर संभव पहल की जा रही है। इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ के महान विभूतियों के त्याग, बलिदान तथा संघर्ष के महत्व को जन मानस के बीच लाकर उसे अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए भी कार्य हो रहे हैं। इसके तहत छत्तीसगढ़ में आगे महापुरुषो को जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने सहित चौक-चौराहों का नामकरण भी महान वीर सपूतों के नाम किया जाएगा। श्री बघेल ने पंडित सुन्दर लाल शर्मा स्कूल द्वारा राजधानी के विभिन्न पारों-मोहल्लों से गरीब बच्चों को शिक्षित करने के कार्य पर अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं भी दी।

कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने स्कूल द्वारा ज्ञान के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर आधारित दी जा रही शिक्षा की प्रसंशा की। उन्होंने कहा कि पंडित सुन्दर लाल शर्मा स्कूल के संचालन के लिए सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी।

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कृषि मंत्री श्री चौबे ने आयोजन में सम्बोधित करते हुए पंडित सुन्दर लाल शर्मा के छत्तीसगढ़ की आजादी और सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में योगदान को विशेष रूप से उल्लेख किया। कार्यक्रम में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी ने पंडित सुन्दर लाल शर्मा के व्यक्तित्व के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।

मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा सम्मानित लोगों में श्रीमती शोभा मोहन शर्मा श्रीवास्तव, श्री अरूण कुमार शर्मा, श्री मीर अली मीर, श्रीमती सरिता पाठक, श्री प्रदीप तिवारी, कुमारी अलंकृता कुम्बज, कुमारी राजनंदनी पटनायक, डॉ. श्रीमती मंजूला तिवारी और श्री अमरनाथ त्यागी शामिल हैं। इस अवसर पर श्री सुभाष शर्मा ने स्वागत भाषण दिया और श्रीमती साधना शर्मा ने शालेय प्रतिवेदन का पठन किया। कार्यक्रम में श्री महंत राजेश्री रामसुन्दर दास, श्री ज्ञानेश तिवारी, श्री कन्हैया अग्रवाल, श्री संजय पाठक, तथा समाज के गणमान्य नागरिक और स्कूली बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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