प्रदेश सरकार बेरोजगारी भत्ता देने के लिए कतई ईमानदार नहीं : भाजपा

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नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने कहा : भत्ता देने के नियम इतने कठिन बनाये गए हैं ताकि सब युवा अपात्र हो जाएँ

रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा है कि प्रदेश सरकार बेरोजगारी भत्ता देने के लिए कतई ईमानदार नहीं है। इस वर्ष के बजट में इसके लिए सिर्फ 250 करोड़ रुपए का जो प्रावधान रखा गया है, वह राशि तो एक माह के भत्ता-भुगतान में ही खत्म हो जाएगी। श्री चंदेल ने कांग्रेस के जनघोषणा पत्र का हवाला देकर कहा कि कांग्रेस ने 10 लाख नौजवानों को या तो रोजगार या फिर बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। कांग्रेस और उसकी राज्य सरकार साढ़े 4 साल बाद अब भी युवाओं के भारी दबाव के चलते बेरोजगारी भत्ता देने का दिखावा करने की शुरुआत कर रही है।

प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री चंदेल ने कहा कि इस योजना के लिए तय नियमों-शर्तों के मद्देनजर यह आईने की तरह साफ नजर आ रहा है कि प्रदेश की भूपेश सरकार बेरोजगार युवकों के साथ ठीक उसी प्रकार छल कपट कर रही है जैसा उसने पूर्ण शराबबंदी, महिला स्व-सहायता समूहों की कर्ज माफी, संपत्ति कर आधा करने के वादे से मुकरकर किया है।

श्री चंदेल ने कहा कि कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में प्रदेश के 10 लाख युवाओं को प्रतिमाह 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। साढ़े चार साल का कार्यकाल बीतने तक कांग्रेस सरकार ने यह भत्ता नहीं दिया और लगातार इस तरह के किसी वादे से साफ इंकार करते हुए कांग्रेस और सरकार के मंत्री यह कहते रहे कि कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में हमने ऐसा कहा ही नहीं है।

श्री चंदेल ने कहा कि प्रदेश के युवकों के भारी विरोध व दबाव के चलते अंततः प्रदेश सरकार को अपने कार्यकाल के आखिरी साल में इस योजना पर अमल करने की घोषणा करनी पड़ी। लेकिन प्रदेश सरकार ने इसमें भी अपने छल-कपट का प्रदर्शन किया। प्रदेश सरकार 1 अप्रैल से बेरोजगारी भत्ता दे नहीं रही है, अपितु 1 अप्रैल से बेरोजगारों का पंजीयन कर रही हैं। दुर्भाग्य यह है कि पंजीयन ऑनलाइन किया जाएगा। इसका सीधा मतलब यह है कि जिन क्षेत्रों में ऑनलाइन कनेक्टिविटी नहीं है, वहां के युवा या तो पंजीयन नहीं करा सकेंगे या फिर पंजीयन के लिए उन्हें भ्रष्टाचारियो को पैसे चुकाने पड़ेंगे। इस योजना के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं (हायर सेकेंडरी) उत्तीर्ण रखी है यानी प्रदेश सरकार इससे कम शैक्षणिक योग्यता वाले युवकों को बेरोजगार ही नहीं मानती है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री चंदेल ने कहा कि प्रदेश सरकार को बेरोजगारी भत्ता के लिए जन घोषणापत्र में किए गए वादे के मुताबिक प्रतिमाह ढाई हजार करोड़ रुपए का इंतजाम करना था। इसी तरह भत्ता देने के नियम इतने कठिन बनाये गए हैं ताकि सब युवा अपात्र हो जाएं। योजना के तहत मापदंडों के मुताबिक जिस परिवार की कुल सामूहिक आय ढाई लाख रुपए या इससे अधिक हो, जिस परिवार को 10 हजाार रुपए मासिक पेंशन मिलती हो, जिस परिवार में किसी भी एक सदस्य को बेरोजगारी भत्ता मिल रहा हो, ऐसे परिवार के युवा को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलेगा।

श्री चंदेल ने बेरोजगारी भत्ता प्राप्त युवकों के लिए प्रतिदिन 8 घंटे कौशल विकास केंद्रों में प्रशिक्षण लेने की अनिवार्यता पर यह कहकर सवाल उठाया है कि प्रदेश में कांग्रेस के सत्तारूढ़ होने के बाद से ही जब प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र, मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन केंद्र और दीनदयाल कौशल विकास केंद्र बंद पड़े हैं तो प्रदेश सरकार इन युवकों को प्रशिक्षण देगी कहां? इससे यह स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार बेरोजगारों से ठगी कर रही है। यदि प्रदेश सरकार वास्तव में बेरोजगारी भत्ता देना चाहती है तो साढ़े 4 वर्ष के लगभग बारह हजार पांच सौ करोड रुपए युवकों को देना चाहिए। चूंकि बजट मैं इसका प्रावधान नहीं किया गया है, इससे साफ है कि प्रदेश सरकार युवाओं को छल कर रही है, बेरोजगारी भत्ता देने का दिखावा कर रही है पर देगी नहीं।

श्री चंदेल ने कहा कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के युवकों के साथ छल और धोखाधड़ी कर रही है और सब्जबाग दिखा रही है। अब छत्तीसगढ़ के नौजवान आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अवश्य सबक सिखाएंगे ।

वहीँ भाजपा मीडिया सहप्रभारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि 10 लाख युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने वाली कांग्रेस, 4 वर्ष बाद युवाओं के भारी दबाव के कारण बेरोजगारी भत्ते का दिखावा करना प्रारंभ कर रही है देने वाली है नहीं ।