PM मोदी ने किया नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण, कहा- डंके की चोट पर पिछली गलतियों को सुधार रहा है देश

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ग्रेनाइट से निर्मित होने वाली नेताजी की मूर्ति की जानें खासियत

नई दिल्ली (khabargali) सरकार नेताजी की जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मना रही है। दिल्ली में रविवार को पीएम मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के होलोग्राम स्टैच्यू का अनावरण किया। नेताजी की ग्रेनाइट प्रतिमा को वहां रखा जाएगा जहां ब्रिटिश सम्राट किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा थी। नेताजी के 125वीं जयंती के मौके पर पीएम ने कहा कि हमारे उन नायकों की भूमिका, जिनकी यादें आजादी के बाद मिटाई जा रही थीं… अब पुनर्जीवित हो रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत को स्वतंत्र और समृद्ध बनने का विश्वास दिलाया था। उन्होंने कहा- “नेताजी ने बड़े गर्व, आत्मविश्वास और साहस के साथ अंग्रेजों से कहा कि मैं आजादी को भिक्षा के रूप में नहीं लूंगा, इसे हासिल करूंगा। नेताजी की प्रतिमा एक कृतज्ञ राष्ट्र के महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि है। यह प्रतिमा हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों और हमारी पीढ़ियों को राष्ट्रीय कर्तव्य की याद दिलाएगी और पीढ़ियों को प्रेरित करेगी”।

पूर्ववर्ती सरकार पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रविवार को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद देश की संस्कृति और मूल्यों के अलावा कई महान लोगों के योगदान को मिटाने की कोशिशें की गई थीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश अब अतीत की गलतियों को सुधार रहा है। इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत 2047 में देश की आजादी के 100वें वर्ष से पहले 'नए भारत' के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने से नहीं रोक सकती। उन्होंने लोगों से नेताजी के 'कर सकता हूं' और 'करके रहूंगा' की भावना से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा, 'भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में लाखों लोगों का बलिदान शामिल है, लेकिन उनके इतिहास को सीमित करने के प्रयास किए गए। लेकिन स्वतंत्रता के दशकों बाद आज देश उन गलतियों को सुधार रहा है।' उन्होंने आगे कहा कि नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर जल्द ही ग्रेनाइट की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह लोकतांत्रिक संस्थानों और वर्तमान व भविष्य की पीढि़यों को उनके कर्तव्यों की याद दिलाएगी और उन्हें प्रेरणा देगी।

ये है प्रतिमा की खासियत

नेताजी की प्रतिमा इंडिया गेट पर बनी छतरी में लगाई जाएगी। ग्रेनाइट से निर्मित एक प्रतिमा तैयार होने पर वह होलोग्राम प्रतिमा की जगह लेगी। यह पत्थर तेलंगाना के खम्मम जिले से लाया जाएगा। होलोग्राम प्रतिमा को 30,000 लुमेन 4के प्रोजेक्टर द्वारा संचालित किया जाएगा। इस प्रतिमा का आकार 28 फुट ऊंचा और 6 फुट चौड़ा है। इस प्रतिमा को ओडिशा के प्रसिद्ध मूर्तिकार अद्वैत गडनायक बना रहे हैं। गडनायक इससे पहले भी कई प्रमुख मूर्तियां बना चुके हैं. इनमें राजघाट पर राष्ट्रपिता की मूर्ति, महात्मा गांधी के नमक मार्च की काले संगमरमर की प्रतिमा बना चुके हैं। एक अदृश्य 90 प्रतिशत पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन इस तरह से लगाई गई है कि यह आगंतुकों को दिखाई नहीं देती । सरकार ने कहा है कि होलोग्राम का प्रभाव पैदा करने के लिए उस पर नेताजी की थ्रीडी तस्वीर लगाई जाएगी। होलोग्राम प्रतिमा 28 फीट ऊंची और छह फीट चौड़ी है।

चार वर्ष के सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी प्रदान किए

प्रधानमंत्री ने एक अलंकरण समारोह में वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी प्रदान किए। इस दौरान कुल सात पुरस्कार प्रदान किए गए। वर्ष 2022 के लिए यह पुरस्कार संस्थागत श्रेणी में गुजरात आपदा प्रबंधन संस्थान (जीआइडीएम) को और व्यक्तिगत श्रेणी में सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विनोद शर्मा को प्रदान किए गए हैं। केंद्र सरकार ने देश में व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने और नि:स्वार्थ सेवा करने वालों को सम्मानित करने के लिए इस पुरस्कार की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने आपदा प्रबंधन को प्राथमिकता पर रखा है। मालूम हो कि इस पुरस्कार की घोषणा हर साल 23 जनवरी को की जाती है। इसके तहत संस्था को 51 लाख रुपये और प्रमाण पत्र, जबकि चयनित व्यक्ति को पांच लाख रुपये और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि इस वर्ष के पुरस्कार के लिए एक जुलाई, 2021 से नामांकन आमंत्रित किए गए थे और संस्थानों व व्यक्तियों से कुल 243 वैध नामांकन प्राप्त हुए थे।