
अब मांसाहारी खाद से आलू , टमाटर , गोभी खाएंगे भारतवासी
जैन संवेदना ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री को लिखा पत्र - हिन्दू और जैन समुदाय के साथ शाकाहारी भोजन करने वाले करोड़ों लोगों में भारी रोष
नई दिल्ली (खबरगली) केन्द्र सरकार के कृषि मंत्रालय ने एक विवादित निर्णय लेते हुए मछली , मांस - हड्डियों और मांसाहारी अवशेष से खाद बनाने को मंजूरी दे दी है । यानि अब देश में मांस व हड्डियों के अवशेष से खाद बनेगी , इस खाद को सब्जियों के उत्पादन बढ़ाने के लिए छिड़काव किया जावेगा । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि केन्द्र सरकार के इस निर्णय का परिणाम यह होगा कि अब शाकाहारी भारतीय मांसाहारी आलू टमाटर व अन्य सब्जियां खाने को मजबूर होंगे । जैन संवेदना ट्रस्ट , सकल जैन समाज व सम्पूर्ण शाकाहारी हिन्दू समाज केन्द्र सरकार के कृषि मंत्रालय के इस निर्णय का विरोध करता है ।
महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने आगे कहा कि भारत सरकार के मछली मांस हड्डियों व अन्य मांसाहारी कचरे का जैविक खाद में उपयोग की औपचारिक मंजूरी से करोड़ों लोगों की अहिंसक भावनाओं से खिलवाड़ किया है । भगवान महावीर स्वामी के जियो और जीने दो , अहिंसा , महात्मा गांधी की अहिंसा भाईचारे के देश में मांसाहारी खाद के उपयोग से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है । कृषि मंत्रालय का यह मानना है कि यह कदम कृषि क्षेत्र में पोषण युक्त व पर्यावरण के अनुकूल उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है । विशेषज्ञों का मानना है कि किसानों को गुणवत्ता की खाद उपलब्ध होगी व जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा व मांस उद्योग के अपशिष्ट का पुनः उपयोग हो सकेगा ।
जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि हिंदुवादी विचारधारा वाली सरकार के इस निर्णय के बाद यह तय हो गया है कि अब भारत में उगाई जाने वाली सब्जियां व अन्य कृषि उत्पाद पूरी तरह शाकाहारी नही रहेंगे । यह निर्णय उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है लेकिन धार्मिक व शाकाहारी समाज को गहरी पीड़ा हुई है । जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व कृषि मंत्री श्री शिवराज चौहान को पत्र लिखकर इस मांसाहारी खाद निर्माण के निर्णय को रद्द करने का निवेदन किया है । भगवान महावीर स्वामी , गौतम बुद्ध , श्री राम चन्द्र जी की भारत भूमि में सब्जियों के उत्पादन में मांसाहारी खाद के उपयोग को स्वीकार नही किया जा सकता ।
जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व कृषि मंत्री श्री शिवराज चौहान को पत्र लिखकर इस मांसाहारी खाद निर्माण के निर्णय को रद्द करने का निवेदन किया है । सरकारी निर्णय एफसीओ में संशोधन नितांत जरूरी है । यह निर्णय कृषि की पवित्रता को दूषित करने वाला है । भगवान महावीर स्वामी , गौतम बुद्ध की भारत भूमि में सब्जियों के उत्पादन में मांसाहारी खाद के उपयोग को स्वीकार नही किया जा सकता ।
- Log in to post comments