शासकीय एवं अर्द्धशासकीय संस्थाओं में आंतरिक परिवाद समिति का गठन अनिवार्य

Dr.  Kiranmayi Nayak, State Women's Commission, Women and Child Development Department, Sakhi Forest Stop Center, Chhattisgarh, Khabargali

ताकि कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न के मामले को रोका जा सके: डाॅ. किरणमयी नायक, राज्य महिला आयोग अध्यक्ष

महिला एवं बाल विकास कार्यालयों में शिकायत पेटी लगाना अनिवार्य

विडियो काॅफ्रेंस के माध्यम से राज्य के संबंधित अधिकारियों को आयोग के अध्यक्ष ने दिए निर्देश

रायपुर (khabargali) राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक (केबिनेट मंत्री दर्जा) ने 24 फरवरी को अपराह्न 4 से 6 बजे तक लोक सेवा केन्द्र, कलेक्टर परिसर रायपुर में राज्य के सभी जिलों के महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारियों, नवा विहान के जिला संरक्षण अधिकारियों एवं सखी वन स्टाॅप सेंटर के केन्द्र प्रशासकों तथा कांउसलर को विडियो काॅफ्रेंस के माध्यम से आवष्यक निर्देष दिए गए।

डाॅ. नायक ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने, उनके हितों की देखभाल व उनका संरक्षण करने, महिलाओं के प्रति भेदभाव व्यवस्था को समाप्त करने, हर क्षेत्र में उन्हें विकास के सामान अवसर दिलाने एवं महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों, अपराधों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए राज्य महिला आयोेग निरंतर कार्यरत है। महिलाओं से जुड़ी संवेदनशील मामलों में संबंधित अधिकारियों को तत्परता से कार्य करने की आवष्यकता है। उन्होंने निर्देशित किया कि जिन मामलों में कोर्ट से आदेष पारित हो गया है, उनका अनुपालन करना आवष्यक है। आदेश का अनुपालन नहीं होने पर ऐसे प्रकरणों को संबंधित स्थानीय अधिकारी प्रताड़ित महिला के माध्यम से एक आवेदन राज्य महिला आयोग को प्रेषित करें।

डाॅ. नायक ने अश्वासन दिया कि ऐसे अवमानना के प्रकरणों पर संबंधित जिले के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से मिलकर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। इस काॅफ्रेंस में अध्यक्ष के संज्ञान में आया कि सखी सेंटर के सलाहकारों को महिलाओं के कानूनी अधिकारों का ज्ञान नहीं है। इसकी विस्तृत जानकारी के लिए संरक्षण अधिकारी, एम.एस.डब्ल्यू, पैरालीगल सलाहकार का तीन दिवसीय प्रषिक्षण का आगामी दिनों में जल्द ही रायपुर में आयोजित किया जाएगा। सभी जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि एक सप्ताह के भीतर महिला एवं बाल विकास कार्यालयों के सामने एक षिकायत पेटी लगवाएं और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करें, ताकि स्थानीय महिलाओं को इसकी जानकारी हो सके। इसी तरह आंतरिक परिवाद समिति एवं स्थानीय परिवाद समिति का गठन हर शासकीय एवं अर्द्धषासकीय संस्थाओं में करें, ताकि कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न के मामले को रोका जा सके। इस समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों का संबंधित विभाग में मोबाईल नबंर सहित डिस्प्ले करना आवष्यक है। यदि औचक निरीक्षण के दौरान किसी विभाग में यदि इसका गठन करना नहीं किया गया है तो संबंधित अधिकारी के उपर पचास हजार रूपये का अर्थदंड लगाया जाएगा।

राज्य के महिलाओं को न्याय के समान अवसर दिलाने के लिए महिला आयेाग के आने वाले योजनाओं मे शामिल करने 2 से 5 सक्रिय महिला वकीलो का नाम एक सप्ताह के भीतर प्रस्तावित करने के निर्देष दिए। मानसिक विक्षिप्त महिलाओं के पुनर्वास हेतु मान. मुख्यमंत्री जी से चर्चा कर त्वरित समाधान निकाला जाएगा। प्रताड़ित महिला आवेदिका के परिवार में जाकर उनकी स्थिति का औचक निरीक्षण करें एवं उससे संबंधित फीडबैक थानों से भी लिया जाए। आगामी दिनों में महासमुंद व बलौदाबाजार के कलेक्टर के साथ मिलकर महिला जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। विडियो काॅफ्रंेस के दौरान दुर्ग जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बलात्कार के षिकार महिलाओं के लिए त्वरित कार्यवाही और आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर डाॅ. नायक ने सहमति जताते हुए अग्रिम कार्यवाही करने की बात कही। आयोग की सुनवाई में एक पीड़ित महिला जिसे गांव वालों ने जात बाहर कर दिया था। इस प्रकरण में संरक्षण अधिकारी बस्तर को दिए गए निर्देषों का पालन कर पीड़ित महिला को न्याय दिलाया गया, इस मामले में बस्तर टीम को डाॅ. नायक ने बधाई दी।

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