स्पोर्ट्स कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से खेल विश्वविद्यालय खोले जाने मांग की

Praveen jain

रायपुर (khabargali )खेल और खिलाड़ियों की विभिन्न समस्याओं से कराया अवगत रायपुर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस स्पोर्ट्स सेल के अध्यक्ष अधि. प्रवीण जैन ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी, खेल मंत्री श्री उमेश पटेल, खेल सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी एवं खेल संचालक श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा को पत्र प्रेषित कर खेल और खिलाड़ियों के संबंध में कई मांग रखी है। जिसमें प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ राज्य में खेल विश्वविद्यालय खोले जाने के संबंध में श्री जैन ने लिखा है कि देश में वर्तमान में ग्वालियर और तमिलनाड़ु में खेल विश्वविद्यालय हैं, जबकि मणिपुर का खेल विश्वविद्यालय प्रगतिशील है। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) का अकादमिक विंग नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ र्स्पोर्ट्स पटियाला के अलावा दिल्ली, मुंबई, पुणे, कोलकाता जैसे शहरों में खेल संस्थान कार्यरत हैं। छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में प्रतिभाएं हैं, लेकिन संसाधन नहीं हैं।

छत्तीसगढ़ में खेल विश्वविद्यालय की योजना बीते पांच साल से बन रही है। 2015-16 के बजट में इसके लिए मामूली प्रावधान किए गए थे। पूर्व वर्ती सरकार ने खिलाड़ियों के हित में कई बार खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करने की बात कही किंतु इक्षाशक्ति की कमी से सारे वादे सिर्फ खोखले साबित हुए, बस्तर, जशपुर, सरगुजा जैसे आदिवासी इलाकों से तीरंदाजी, मुक्केबाजी, निशानेबाजी, तैराकी आदि खेलों की नैसर्गिक प्रतिभाओं की कमी नही है, वहीं राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर बिलासपुर में हॉकी, फुटबॉल क्रिकेट, बॉलीबॉल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस जैसे अनेक खेलों के होनहार खिलाड़ी भरे पड़े हैं, हमारे यहां के खिलाड़ियों को उचित प्रशिक्षण, साधन-संसाधन यदि प्रदान किया जाए तो वह दिन दूर नही जब ओलंपिक तथा कामनवेल्थ खेलों में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने लायक खिलाड़ी तैयार किए जा सकेंगे।

प्रदेश में खेल विश्विद्यालय प्रारम्भ कर उसमें खेल अर्थशास्त्र, खेल चिकित्सा, खेल पोषण, खेल प्रबंधन, खेल मनोविज्ञान, खेल पत्रकारिता जैसे संकाय खोलने की आवश्यकता। प्रवीण जैन ने अपने पत्र में आगे मांग की है कि प्रदेश के स्टेडियमों को खेल हित मे खेल संघों को विभिन्न स्पर्धाओं के लिए मेंटनेंस व विद्युत व्यय पर व राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए निःशुल्क प्रदान किया जाये।

अपने पत्र में श्री जैन द्वारा यह भी मांग की गई कि खिलाड़ी छात्र छात्राओं को महाविद्यालय में प्रवेश के समय बेहद कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है, वर्तमान में उन्हें एडमिशन के समय प्राप्तांक का 10% अंक प्रदान किया जाता है, जिसके बाद भी उन्हें एडमिशन नही मिल पा रहा है ऐसे खिलाड़ी छात्र छात्राएं जो राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय, इंटर विश्व विद्यालय प्रतियोगिताओं ( ओलम्पिक एवं नॉन ओलंपिक खेल) में भागीदारी करते है उनके लिए एडमिशन में 5% सीट्स आरक्षित करके उन्हें आउट ऑफ टर्न एडमिशन की पात्रता प्रदान की जानी चाहिए।

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