धरमजीत सिंह के भाजपा में आने से हमारी शक्ति और बढ़ी - रमन सिंह
रायपुर (khabargali) भारतीय जनता पार्टी की विकासवादी और सर्वसमावेशी विचारधारा से प्रभावित होकर विभिन्न समाज प्रमुखों, सेवानिवृत्त अधिकारियों के भाजपा प्रवेश का सिलसिला निरंतर जारी है। रविवार को राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ लोरमी के विधायक धर्मजीत सिंह, रिटायर्ड आईएफएस एसएसडी बडग़ैय्या, नगर पंचायत लोरमी के सभापति धर्मेंद्रगिरी गोस्वामी, नपं में विधायक प्रतिनिधि अविश यादव, भूपेन्द्र सिंह ठाकुर ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा प्रदेश चुनाव सह प्रभारी व केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, प्रदेश संगठन सह प्रभारी नितिन नवीन, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व सांसद रामविचार नेताम, विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ,प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने भाजपा का दुपट्टा पहनाकर भाजपा में प्रवेश करने वाले सदस्यों का स्वागत किया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि विधायक श्री सिंह के भाजपा प्रवेश से भाजपा को और ताकत मिलेगी। यह निश्चित रूप से भाजपा की बढ़ती हुई ताकत, बढ़ते हुए कदम का परिचायक है और हमें नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में यकीनन मदद मिलेगी।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ प्रदेश और देश का वातावरण भाजपा के अनुकूल है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के आगामी विधानसभा चुनाव और उसके बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में विजय के एक बड़े लक्ष्य की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। विधायक श्री सिंह की राजनीतिक व प्रशासनिक कार्य कुशलता की चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि वह सही समय पर सही दल में आए हैं।
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद विधायक श्री सिंह ने कहा कि भाजपा में शामिल होना मेरे लिए बेहद गौरव का पल है। भाजपा की रीति-नीति और जनकल्याणकारी योजनाओं ने न केवल छत्तीसगढ़, अपितु समूचे देश में क्रांतिकारी परिवर्तन की मिसाल पेश की है। अपनी नीति और सिद्धांतों पर अडिग रहने वाले नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का पिछले 9 वर्षों का कार्यकाल सेवा, सुशासन और गऱीब कल्याण के दृष्टिकोण से भारतीय राजनीति का स्वर्णकाल रहा है।
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