सतनामी और आदिवासी समाज

ख़बरगली @ सहित्य डेस्क

हमें इस बात को बहुत गहराई से समझना होगा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ही हमारे पिता हैं और वे ही हमारे उद्धारकर्ता हैं। छत्तीसगढ़ में सतनामी और आदिवासी समाज के बहुसंख्य लोग भगवान बुद्ध, गुरु घासीदास और बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के बताए हुए मार्ग पर चलने के बजाय, बड़ी संख्या में ईसाई बन रहे हैं। इस तरह की खराब प्रवृत्ति के कारण भविष्य में वंचित समाज के लोगों के समक्ष सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक आजादी पाने के प्रयासों पर गंभीर चुनौती खड़ी हो सकती है। यह कहना है प्रसिद्ध समाजसेवी युवा चिंतक और सतनामी समाज के अग्रणी व्यक्तित्व रुसेन कुमार का।