..छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार किसी IPS अफसर पर ऐसी कार्रवाई
रायपुर (khabargali) IPS और निलंबित चल रहे ADG जीपी सिंह को रायपुर की अदालत में पेश किया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ने मीडिया को बताया कि जीपी सिंह की जमानत याचिका खारिज हो गई है। विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल के कोर्ट में फैसला आया है। जीपी सिंह को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंगलवार को दोपहर 2 बजे रायपुर कोर्ट में पेश किया गया था,दोनों पक्षों की करीब 50 मिनट चली बहस के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर जीपी सिंह को जेल भेज दिया गया है। कोरोना के चलते उन्हें एक सप्ताह एक अलग बैरक में रखा जाएगा।
छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार किसी IPS अफसर को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। ACB की टीम उन्हें लेकर अदालत पहुंची थी। आय से अधिक संपत्ति मामले में जीपी सिंह को पुलिस ने गुरुग्राम से पिछले सप्ताह पकड़ा था। तब से जीपी सिंह ACB के रायपुर स्थित दफ्तर में पुलिस रिमांड पर थे। शुरुआती दिनों में जीपी सिंह ने अफसरों की पूछताछ में कोई जवाब नहीं दिए।
परिजन कह रहे प्रेशर की वजह से बीपी बढ़ रहा
जीपी सिंह के परिजन और वकीलों का दावा है कि जीपी सिंह जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं। पुलिस के प्रेशर की वजह से उनकी तबीयत का स्तर गिर रहा है। ब्लड प्रेशर की समस्या की वजह से जीपी सिंह का स्वास्थ्य ठीक नहीं है।
जीपी का मोबाइल कई राज खोलेगा
निलंबित एडीजी जीपी सिंह के मोबाइल, पेन ड्राइव और टैब को जांच के लिए बेंगलूरु या हैदराबाद लैब भेजा गया है। रिमांड अवधि के दौरान मोबाइल का लॉक खोलने के लिए उनसे अनुरोध किया गया, लेकिन जीपी ने सहयोग नहीं करते हुए किसी भी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया। हालांकि उसे स्थानीय मोबाइल सेंटर भी ले जाया गया, लेकिन वहां लॉक खोलने पर सभी डाटा डिलीट होने का अंदेशा जताया। इसे देखते हुए अब उसे लैब भेजकर डाटा रिकवर करने की तैयारी की जा रही है। ईओडब्ल्यू के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि उनके मोबाइल फोन में बहुत से राज छुपे हुए हैं जिसमें उनके मददगार से लेकर पर्दे के पीछे छिपकर सहायता करने वालों के नाम है।
जीपी सिंह के बयान से बवाल
पिछली बार कोर्ट कैम्पस में जीपी सिंह ने कहा था कि, ये पॉलिटिकल विक्टमाइजेशन का केस है, मैं शुरू से कह रहा हूं। नागरिक आपूर्ति निगम की जांच कर रहा था तब गवाहों को हॉस्टाइल करने कहा गया, इस मामले में रमन सिंह और वीणा सिंह को फंसाने कहा गया था। जीपी सिंह कह चुके हैं कि जो FIR उनके खिलाफ दर्ज की गई है वो पूरी तरह से गलत है। जो संपत्ति उनके नाम बताई जा रही है वो उनकी नहीं है और ना ही उनका उससे कोई लेना-देना है। उन्होंने तब कहा था कि ये पूरा केस फैब्रीकेटेड (रचा हुआ) है।
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