रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ की राजधानी समेत तमाम हिस्सों में रविवार को मौसम ने करवट ली। रविवार की देर रात और सोमवार की सुबह कई स्थानों में अच्छी बारिश हुई है। अचानक हुई इस बरसात से किसानों को तगड़ा नुकसान हुआ है। वहीं स्वास्थ्यगत कारणों से भी यह भारी पड़ सकता है। धान की कटाई कर रहे किसानों के लिए तो ये बारिश आफत बनकर बरसी है। बारिश के आलावा सूबे के सरगुजा संभाग के कुछ एक इलाकों में ओले गिरने की भी सुचना मिली है।
प्रदेशभर में अगले 24 घंटों में भी बदली और बारिश की संभावना बनी हुई है जिसके लिए मौसम विभाग ने चेतावनी ज़ारी की है। इस बरसात के प्रभाव से प्रदेश के रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, कांकेर जिलों में धान को बड़ा नुकसान पहुंचा है। धान की फसल गिर गई है, जिसकी वज़ह से बालियां पानी में डूब गई हैं। काटकर खेतों में सूखने के लिए रखी फसल भी डूबी है। इससे किसानों को भारी नुकसान की आशंका है। इस बरसात से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। पिछली बरसात में भीग चुकी फसल को बचाने के लिए वे धान को सुखा रहे थे। अब अचानक हुई बरसात में वह फिर से भीग गया। ऐसे में उसकी मिंजाई संभव नहीं हो पाएगी। मिंजाई कर खलिहानों और घर के आंगन में सुखाया जा रहा धान भी भीगने से खराब हो सकता है। वह अंकुरित हो सकता है अथवा उसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी। ऐसे में किसानों में दोहरी मार को लेकर मायूसी भी है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक़ अगले 24 घंटों में छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के मुताबिक़ एक गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र दक्षिण-पूर्व अरब सागर और पूर्वी-मध्य अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। इससे जुड़ा एक चक्रवाती घेरा भी फैला हुआ है। जिसकी वज़ह से छत्तीसगढ़ से लेकर महाराष्ट्र तक एक द्रोणिका बनी है। इधर दक्षिण अंडमान सागर और आसपास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं का व्यापक असर है। इसके प्रभाव से पिछले 24 घंटों के दौरान, छत्तीसगढ़ और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई है। कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी दर्ज़ हुई है। छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश, तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों, उत्तरी तटीय तमिलनाडु और मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है।
कर्नाटक में भी हुई तबाही
कर्नाटक में सितंबर से अब तक भारी बारिश से संबंधित त्रासदियों के कारण 24 लोगों की जान चली गई। बारिश से राज्य में पांच लाख हेक्टेयर कृषि फसलों को भी नुकसान हुआ है। सूत्रों के अनुसार, नुकसान की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 658 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और 8,495 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। इससे 191 पशुओं की मौत भी हुई है। लगभग 5 लाख हेक्टेयर कृषि फसल नष्ट हो गई है और बागवानी फसल के नुकसान का आकलन 30,114 हेक्टेयर में किया गया है। राज्य में लगातार हो रही बारिश से 2,203 किलोमीटर सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। 165 पुल भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि विभिन्न जिलों में 1,225 स्कूल भवन, 39 सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) भवन भी बारिश से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1,674 बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए और 278 ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बेंगलुरु शहरी, बेंगलुरु ग्रामीण, तुमकुरु, कोलार, चिक्कबल्लापुर, रामनगर, हासन जिलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। अगस्त और सितंबर में लगातार बारिश के कारण 3.43 लाख हेक्टेयर में फसल प्रभावित हुई थी, जिससे 1.5 लाख किसान प्रभावित हुए और उनके लिए 130 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। 79,000 किसानों का मुआवजा लंबित है और मुख्यमंत्री बोम्मई ने उनके देय मुआवजे को मंजूरी देने के लिए 79 करोड़ रुपये जारी करने के निर्देश दिए हैं।
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