
रायपुर (खबरगली) छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की कार्रवाई लगातार तेज हो रही है। ताज़ा कार्रवाई में सीबीआई ने पूर्व आईएएस और पीएससी के सचिव रहे जीवनलाल ध्रुव, उनके बेटे सुमित ध्रुव, और आयोग की पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया है। अधिकारियों के मुताबिक, शुक्रवार सुबह यह कार्रवाई रायपुर और अन्य स्थानों पर एक साथ की गई।
पहले भी हुई थी पूछताछ
इससे पहले भी सीबीआई ने आरती वासनिक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, लेकिन प्रारंभिक जांच के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था। ताज़ा साक्ष्यों के आधार पर एजेंसी ने एक बार फिर उन्हें हिरासत में लिया है।
अब तक 7 लोग गिरफ्तार
इस घोटाले में सीबीआई अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। 18 नवंबर को तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और श्री बजरंग पावर एंड इस्पात के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल को पहली बार गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 10 जनवरी को पांच और आरोपियों को पकड़ा गया, जिनमें नितेश सोनवानी (तत्कालीन अध्यक्ष का भतीजा, डिप्टी कलेक्टर चयनित) ललित गणवीर (तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक, CGPSC) शामिल थे। इसके अलावा 12 जनवरी को शशांक गोयल भूमिका कटियार (दोनों डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चयनित) साहिल सोनवानी (डिप्टी एसपी पद के लिए चयनित) को भी गिरफ्तार किया गया। वर्तमान में सभी सातों आरोपी न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।
क्या है मामला
CGPSC घोटाले में आरोप है कि राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर पेपर लीक, फर्जी चयन और घूसखोरी हुई। जांच में सामने आया कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने रिश्वत लेकर न केवल परीक्षा प्रश्नपत्र लीक कराए बल्कि चयन सूची में भी हेरफेर की। इसी आधार पर सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
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