रायपुर (khabargali) खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय राशन दुकानों में अनियमितता पाई गई है, जिसमें 216 करोड़ की राशि का राशन कम पाया गया था। अब इसकी नये सिरे से जांच विधायक दल की समिति द्वारा कराई जाएगी।खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि खाद्यान्न की कमी एवं राशन दुकानों में अनियमितता से संबंधित मामला पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के समय का है।
उन्होंने बताया कि अनियमितता के संबंध में सरकार द्वारा कई राशन दुकानों पर निलंबन एवं एफ.आई.आर. कर कार्यवाही की गई थी और वसूली भी की जा रही है।
दरअसल विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में पीडीएस दुकानों में गड़बड़ी का मामला गूंजा। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने सदन में कांग्रेस सरकार में हुए पीडीएस दुकानों में गड़बड़ी का मामला उठाया। विधायक कौशिक ने कहा, पीडीएस दुकानों में गड़बड़ी चल रही थी। कौशिक ने पूछा कि जांच का मामला लंबित है। बताएं कितने की गडबड़ी हुई।
विधायक कौशिक के सवाल पर खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने सदन को बताया कि 216.08 करोड़ का चावल, शक्कर की कमी हुई है। कौशिक ने अपनी ही सरकार के मंत्री के जवाब से असंतोष कहा कि मंत्री जी केवल जवाब पढ़ रहे हैं।
विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि इसमें आसंदी ने इस मामले में निर्देश दिया था। इसकी जांच होनी चाहिए थी। इस पर कांग्रेस विधायक चरण दास महंत ने कहा कि जितनी अनुमति मिली हो उतना ही जवाब देंगे ना। कौशिक ने कहा यह गरीबों का मामला है। अब तक स्पेसिफिक कोई भी जवाब नहीं दिया है।
कौशिक ने कहा कि सदन की कमेटी बनाकर चावल गड़बड़ी की जांच कराएं। विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, जो दोषी पाए गए हैं कितने पर कार्रवाई करेंगे। व्यवस्था स्पष्ट नहीं की गई। अब तक कितनी दुकानों की जांच हुई और कितने पर कार्रवाई हुई।
विधायक राजेश मूणत ने कहा, अगर चावल में गड़बड़ी हुई है तो दुकानदारों को जेल करने की सजा का प्रावधान है। मगर यहां पैसा पटा दो और दुकान संचालित करो।
मंत्री दयाल दास बघेल मैं स्वीकार करता हूं कि अनियमितता हुई है। यह मेरे कार्यकाल का नहीं है। हालांकि अब तक 227 दुकान निलंबित और 181 दुकानों को निरस्त किया गया है, जबकि 41 दुकानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुआ है। आगे जहां गड़बड़ी हुई है उसकी जांच होगी।
आसंदी से डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि आप यह नहीं से कह सकते कि यह हमारे कार्यकाल का नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार इस बात से सहमत है कि इस मामले में विधायकों की समिति से जांच कराई जाएगी।
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