केन्द्र सरकार ने विदेशों से प्रतिस्पर्धा साबित करने ड्रग रेग्यूलेटर से दबाव डालकर को-वैक्सीन को मंजूरी दिलाई - विकास उपाध्याय

Vikas Upadhyay, All India Congress Party, National Secretary, MLA, Parliamentary Secretary, Swadeshi Co-Vaccine, Corona, Raipur, Khabargali

नई दिल्ली (khabargali) अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय दिल्ली के पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान आरोप लगाया कि केन्द्र की भाजपा सरकार विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा प्रतिपादित करने ड्रग रेग्यूलेटर से दबाव डालकर भारत में स्वदेशी को-वैक्सीन को जल्दबाजी में मंजूरी दे दी वो भी बिना तीसरे चरण के ट्रायल के। विकास उपाध्याय ने कहा केन्द्र ऐसा कर नोटबंदी, जीएसटी और बिना सोचे-समझे लाॅकडाउन के कार्यप्रणाली को टीके जैसे जोखिम वाले मामले में भी असंवेदनशीलता बरत रही है।जिसका खामियाजा भारतीयों को ही भुगतना पड़ेगा।

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पिछले दो दिनों से दिल्ली प्रवास पर हैं जहाँ असम चुनाव को लेकर बैठकों में हिस्सा लेने के साथ ही कांग्रेस के बड़े नेताओं से भी मुलाकात कर रहे हैं।विकास दिल्ली से असम जा कर कांग्रेस महासचिव जितेन्द्र सिंह के साथ असम कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक में भी हिस्सा लेंगे।आज पार्टी कार्यालय दिल्ली में पत्रकारों से चर्चा के दौरान भाजपा की केन्द्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, भाजपा नेताओं के बड़बोलापन ने भारतीय लोकतंत्र को कमजोर कर दिया है। उन्होंने कहा,भारत सरकार के समर्थन से तैयार की गई को-वैक्सीन जिसे बायोटेक कंपनी ने बनाया है, उस पर दबाव डालकर इस अधूरे अध्ययन वाले टीके को मंजूरी देकर केन्द्र ने वैज्ञानिकों के तर्क को भी नजरअंदाज कर दिया है। यह सिर्फ इसलिए कि भाजपा की केन्द्र सरकार विकसित देशों से प्रतिस्पर्धा में आगे निकल जाना चाहती है, परन्तु वह यह भूल गई हैं कि इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।

विकास उपाध्याय ने कहा, चूंकि परीक्षण के तीसरे चरण का कोई डेटा नहीं है। इससे यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि यह टीका कितना प्रभावकारी होगा। बावजूद इसे मंजूरी दिया जाना मोदी सरकार की जल्दबाजी नहीं तो क्या है।सरकार जितनी जल्दबाजी में इस को- वैक्सीन को मंजूरी दिलाने रुचि दिखाई उससे कहीं ज्यादा जल्दबाजी वैज्ञानिक की तरह वैक्सीन राष्ट्रवाद की छबि गढ़ने दिखाई दे रही है। कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय ने ड्रग रेग्यूलेटर द्वारा वैक्सीन को क्लीनिकल ट्रायल मोड कहे जाने पर भी सवाल उठाया है और कहा है, यह वाक्य स्पष्ट होना चाहिये। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि भाजपा के दबाव पर एजेंसी इस बहाने तीसरे चरण का ट्रायल मनुष्यों में सीधा वैक्सीन लगाकर तो नहीं करने जा रही है!जो पहले से चल रही स्टडी का हिस्सा है। यही वजह है कि भाजपा के तमाम बड़े लोग ट्रायल वैक्सीन को लेने परहेज कर रहे हैं। विकास उपाध्याय ने देशी वैक्सीन की विश्वसनियता को लेकर उठ रहे सवालों पर केन्द्र सरकार से माँग की है कि वह अपना स्पष्ट अभिमत रखे कि यह सुरक्षा के पर्याप्त सबूतों के आधार पर स्वीकृत किया गया है।साथ ही यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि यह टीका किस पर और खुराक की मात्रा क्या होनी चाहिये। साथ ही उन्होंने कहा,भारत के वैज्ञानिकों को सामने आकर ट्रायल वैक्सीन को लेकर लोगों के सामने स्पष्ट अभिमत रखना चाहिए न कि भाजपा के नेताओं को।