राणी सती मंदिर राजा तालाब रायपुर में धूम-धाम से दो दिवसीय अमावस्या मेला प्रारंभ

As per every year, the two day long Amavasya fair is being celebrated with great fanfare at Rani Sati Temple, Raja Talab, Raipur; Temple Committee Chairman Kishore Droliya, Raipur, Chhattisgarh; Khabargali

रायपुर (khabargali) प्रति वर्षानुसार दो दिवसीय अमावस्या मेला, राणी सती मंदिर राजा तालाब रायपुर में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है। मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री किशोर ड्रोलिया ने बताया कि सोमवार को सुबह 11:00 बजे दादी जी का पंचामृत स्नान, ध्यान, आलोकिक श्रृंगार किया गया। पुरे मंदिर परिसर को कलकत्ता से आये कारीगरों द्वारा राजस्थानी, चीड़, फूल-पत्ती, फल- मेवा से सजाया गया है। दादीजी का जागरण शाम 09:00 बजे से श्रृंगार दर्शन एवं मंदिर परिसर में विराजमान भगवान श्री गणेश जी, शंकर भगवान हनुमान जी एवं दादी जी के आहवान के साथ रात्रि 08:30 बजे ज्योति पूजन एवं सवामणी का भोग लगाया गया। रात्रि 09:00 बजे से कलकत्ता से आये भजन गायक कलाकार (पूजा नतथानी एंड पार्टी, कोलकाता , मनोज सेन एण्ड पार्टी, धनबाद) द्वारा आंगना में पधारो म्हारा दादी जी......, थारा ज्योत जलाया जी......., मनड़ा करे पुकार थे वेगावेगा आवों दादीजी....., ऐसे भजनों की गंगा के प्रवाह से सारे भक्तों ने भजनों के अमृत सागर में रात्रि 01:00 बजे तक डुबकी लगाई। रात्रि 01:00 बजे को छप्पन भोग का प्रसाद वितरण हुआ पुनः रात्रि 01:30 बजे आमंत्रित कलाकारों के साथ सभी भक्तों एवं बाहर से आये हुए श्रध्दालुओं द्वारा भजनों का आनंद लिया और गरबा रास डांडिया की प्रस्तुति मंगला आरती सुबह 04:00 बजे तक हुई।

As per every year, the two day long Amavasya fair is being celebrated with great fanfare at Rani Sati Temple, Raja Talab, Raipur; Temple Committee Chairman Kishore Droliya, Raipur, Chhattisgarh; Khabargali

मंदिर समिति के प्रचार प्रसार प्रभारी कैलाश अग्रवाल ने बताया कि अगले दिन सुबह दिनांक 03 सितम्बर 2024 मंगलवार को प्रातः 07:00 बजे जात-धोक पूजा की जाएगी। दोपहर 02:00 बजे से दादी जी का मंगल पाठ एवं शाम 05:00 बजे से आमंत्रित भजन गायको द्वारा पुनः भजन की प्रस्तुति रात्रि 9:30 बजे तक और समापन रात्रि 9:30 बजे महाआरती के बाद छप्पन भोग के प्रसाद वितरण के साथ किया जाएगा।

दो दिवसीय अमावस्या मेले में छत्तीसगढ़ राज्य सहित अन्य पड़ोसी राज्यों के श्रध्दालु भी बहुतायत संख्या में सम्मिलित होंगे। प्रांत के बाहर से आये हुए भक्तों के ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था मंदिर समिति द्वारा निःशुल्क की गई है।

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