
छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र बॉर्डर पर 48 घंटे से जारी अभियान में पहली बार वायु सेना भी शामिल
रायपुर/जगदलपुर/बीजापुर (खबरगली) छत्तीसगढ़ - तेलंगाना और महाराष्ट्र सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ भारत का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू हुआ। मुठभेड़ में ढेर नक्सलियों के आंकड़े आने चालू हो गए हैं। मुठभेड़ में जवानों ने पांच नक्सलियों को मार गिराया है। सूत्रों के मुताबिक, पांचों नक्सलियों का शव और हथियार बरामद कर लिया गया है। मुठभेड़ अभी भी जारी है। देश के मोस्ट वांटेड नक्सली लीडर्स को करीब 5 हजार जवानों ने घेर लिया है। पुलिस के आला अधिकारी मौजद हैं। बताया जा रहा है कि नक्सली लीडर्स के साथ करीब 300 से अधिक माओवादी कैडर मौजूद हैं।जवानों ने हिड़मा, दामोदर, देवा समेत कई बड़े लीडर और उनकी बटालियन को घेर लिया है। नक्सलियों के खिलाफ अभियान में पहली बार वायु सेना को भी शामिल किया गया है। इंटेलिजेंस के अनुसार, नक्सलियों के पास पर्याप्त राशन-पानी नहीं है।

48 घंटे से डटे हैं जवान
करीब 48 घंटे से ज्यादा समय बस्तर DRG, STF, कोबरा, CRPF, बस्तर फाइटर, महाराष्ट्र से C60 कमांडो और आंध्र के ग्रेहाउंड्स फोर्स के जवान घेरा बंदी कर मोर्चे पर डटे हुए है। कररेगुट्टा और नीलम सराय पहाड़ी पर बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर ऑपरेशन को लॉन्च किया गया है।
नक्सलियों की कई कंपनियां मौजूद
इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1,2 समेत अन्य कंपनियां सक्रिय हैं। बड़े नेता हिड़मा, देवा, विकास समेत तेलंगाना-महाराष्ट्र-आंध्र की सेंट्रल कमेटी, DKSZCM (दंण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी), DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर), ACM (एरिया कमेटी मेंबर), संगठन सचिव जैसे बड़े कैडर्स ते नक्सली भी यहां मौजूद हैं।
आसमान पर वायु सेना का MI17 के हेलिकॉप्टर तैनात
दो दिन पहले ही ऑपरेशन के लिए अत्याधुनिक हथियारों से लैस वायु सेना के MI17 के हेलिकॉप्टर जगदलपुर, बीजापुर, तेलंगाना, आंध्र और महाराष्ट्र में तैनात किए गए। ड्रोन के जरिए पूरे इलाके की निगहबानी की जा रही है। हेलीकॉप्टर के जरिए जवानों की खाद्य सामग्री भेजी जा रही है।
बंकर में छिपा हुआ है मोस्ट वांटेड माओवादी नेता हिडमा
सुरक्षा बलों का मानना है कि मोस्ट वांटेड माओवादी नेता हिडमा कर्रेगुट्टालू के एक बंकर में छिपा हुआ है। हिडमा के नेतृत्व में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की कंपनी-1 ने अन्य शीर्ष माओवादी नेताओं दामदोदर और आज़ाद के साथ मिलकर इलाके को मजबूत कर दिया है। बारूदी सुरंगों और अन्य जालों की मौजूदगी के संदेह में सुरक्षा बल अत्यधिक सावधानी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इस स्थिति ने पेनुगोलू, कोंगाला, अरुणाचलपुरम और बोलारम सहित आसपास के गांवों के साथ-साथ मलप्पुरम, लक्ष्मीपुरम, मुथारम और सीतारामपुरम जैसे सीमावर्ती गांवों में उच्च तनाव का माहौल बना दिया है। ग्रामीणों से इन क्षेत्रों से दूर रहने का आग्रह किया गया है क्योंकि लगभग 280 वर्ग किलोमीटर में फैली कर्रेगुट्टालू की जंगली पहाड़ियाँ इस उच्च-दांव वाले ऑपरेशन का केंद्र बिंदु बनी हुई हैं।
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