ये साढ़े तीन मिनिट बेहद महत्वपूर्ण हैं आपके लिए

How should you wake up from sleep

रायपुर (khabargali) एक स्वस्थ्य इंसान के लिए कितने घंटे की नींद जरूरी है, हमें रात में कितने बजे सो जाना चाहिए और सुबह कितने बजे उठना चाहिए यह सब तो हम जानते ही हैं लेकिन एक बात जो शायद कई लोग नहीं जानते वह यह कि आपको नींद से किस प्रकार से उठना चाहिए। आप नींद से किस प्रकार से उठते हैं इसका सीधा असर आपके हार्ट पर होता है। कुछ लोग सुबह आराम से अपना बिस्तर छोड़ते हैं लेकिन वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अचानक झटके के साथ उठते हैं, मानो किसी ने सुबह-सुबह डरा दिया हो। खासकर इस भीषण ठंड में जिनकी आयु 45 वर्ष से अधिक है, उन्हें रात में 10 बजे सोने के बाद से जब भी बिस्तर से उठे, तब आप एकदम से ना उठे। क्योँकि ठंड के कारण शरीर का ब्लड गाढ़ा हो जाता है तो वह धीरे धीरे कार्य करने के कारण पूरी तरह हार्ट में नहीं पहुँच पाता और शरीर छूट जाता है। इसी कारण से सर्दी के महीनों में 45 वर्ष से ऊपर के लोगों की ह्रदयगति रुकने से दुर्घटनाएं अत्यधिक होती पाई गई हैं, इसलिए हमें सावधानी अत्यधिक बरतने की आवश्यकता है। यही सुझाव  जनरल फिजीशियन  भी देते हैं।

हार्ट के लिए है बेहद ख़तरा

कभी भी नींद से जागने के बाद अचानक नहीं उठना चाहिए, यह आप में हार्ट अटैक के खतरे को और भी अधिक बढ़ा देता है। कुछ लोग रात में बाथरूम जाने के लिए, पानी पीने के लिए, मोबाइल पर कॉल लेने के लिए या फिर अन्य कुछ कारणों से उठते हैं। बीच रात में उठना सही है लेकिन अचानक से झटके के साथ उठना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। डॉक़्टरों द्वारा इसके पीछे कई कारण बताए गए हैं। उनके अनुसार जब हम नींद में होते हैं, तो हमारा मन और सभी इन्द्रियां अचेत अवस्था में होती हैं। ये इन्द्रियां अचेत से जाग्रत अवस्था में आने में कुछ समय लेती हैं। लेकिन अचानक उठकर भागने से ये इन्द्रियां चिंतित हो जाती हैं, इन्हें अपनी पोजीशन में आने का समय ही नहीं मिल पाता।

ऐसा कतई ना करें

विशेषज्ञों की मानें तो एकदम उठने में गिर जाने, या किसी चीज से टकराने का खतरा तो होता ही है। लेकिन सबसे जरूरी है यह जानना कि बाहरी चोट के अलावा अचानक उठने से अंदरूनी शारीरिक अवस्था पर क्या असर होता है।

रक्त चाप की समस्या वाले विशेष ध्यान दें

एक और कारण है जिसकी वजह से डॉक्टर नींद से झटके से उठने से मना करते हैं। उनके अनुसार कुछ लोगों में सभी नसों को जाग्रत होकर हृदय को सही गति से रक्त पहुंचाने में समय लगता है। सोते समय हृदय को रक्त की आवश्यकता भी कम होती है और रक्त-वाहिनी नसें भी कम रक्त ही पहुंचा रही होती डॉक्टर कहते हैं कि कुछ लोगों का रक्त चाप विभिन्न शारीरिक मुद्राओं में काफी तेजी से बदलता है। वे बैठे हों, चल रहे हों, लेटे हों या दौड़ रहे हों, इन सभी में उनका रक्त चाप काफी तेजी से बदलता है। यूं तो हर किसी का रक्तचाप बताई गई अवस्थाओं में बदलता जरूर है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो रक्तचाप के मामले में असामान्य माने जाते हैं।

पूरी ऑक्सीजन नहीं मिलती

लेकिन एकदम उठने पर हृदय को एकदम अधिक रक्त/ऑक्सीजन चाहिए होते हैं, और शारीर को सप्लाई करने में कुछ क्षण लग जाते हैं। यही बात हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।

आपको क्या नियम फॉलो करने चाहिए, ये भी जान लीजिए।

 चाहे आपको कितनी भी जल्दी क्यों ना हो, आपको सुबह ऑफिस जाने के लिए कितनी ही देरी क्यों ना हो रही हो, लेकिन बिस्तर आप कुछ मिनट के बाद ही छोड़ें तो हार्ट अटैक से बच सकेंगे। रात में भी यदि आपको उठना पड़े तब भी कुछ बातों का ध्यान रखें। जैसे कि यदि बाथरूम भी जाना हो तो नींद खुलने के बाद कुछ सेकेंड्स रुकें, फिर धीमे से उठें और एक मिनट बिस्तर पर बैठे रहें। खुद पर इतना नियंत्रण रखें कि आप कुछ देर बाद ही बिस्तर से उठ सकें।

नीचे दिए गए साढ़े तीन मिनिट का प्रयास एक उत्तम उपाय है

1. नींद से उठते समय आधा मिनिट गद्दे पर लेटे हुए रहिए।
2. अगले आधा मिनिट गद्दे पर बैठिये।
3. अगले अढाई मिनिट पैर को गद्दे के नीचे झूलते छोड़िये।
ये साढ़े तीन मिनिट बेहद महत्वपूर्ण हैं
4. फिर धीरे से पैर नीचे रखें और इस अवस्था में आधा से एक मिनट ऐसे रहें। फिर खड़े होकर भी आधा से एक मिनट स्वयं को संतुलित करें और इसके बाद ही बाथरूम की ओर जाएं। ध्यान रहे कि आप नंगे पांव न जाएं , चप्पल ज़रूर पहने
सुबह भी जब आप नींद से उठकर बिस्तर से नीचे उतरें तो पांव सीधा फर्श पर ना रखें। चप्पल पहनकर ही जहां जाना हो जाएं। यदि इन निर्देशों का आप पालन करेंगे तो आपको हार्ट अटैक जैसी दिक्कत नहीं हो सकती।