बृजमोहन का नाम घोषित होते ही कांग्रेस में बढ़ा दबाव

As soon as Brijmohan's name was announced, pressure increased in Congress. BJP will go ahead in campaigning by declaring candidates on all 11 seats, Raipur, Lok Sabha Elections, Chhattisgarh, Khabargali (475)

सभी 11 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर प्रचार प्रसार में आगे निकल जायेगी भाजपा

रायपुर (khabargali) वैसे तो लोकसभा -2024 का चुनाव मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जा रहा है। कुछ सीटों पर जहां पर वर्तमान भाजपा सांसदों की निष्क्रियता सामने आ रही थी उन सीटों पर बड़े चेहरे सामने आ रहे हैं , रायपुर की सीट सबसे ज्यादा चर्चा में बना हुआ था इसलिए कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस यहां से उम्मीद्वार बना सकती है, जो सुनील सोनी के मुकाबले भारी पड़ेंगे। लेकिन अब भाजपा ने यहां से आठ बार के विधायक व भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल को पार्टी ने अब रायपुर लोकसभा से मैदान में उतारकर कांग्रेस की रणनीति को न केवल फेल कर दिया बल्कि दबाव भी बढ़ा दिया कि अब बृजमोहन के मुकाबले कौन?

हालांकि यह बात आते रही कि बृजमोहन सांसद का चुनाव लडऩा नहीं चाहते लेकिन जब नाम घोषित हो गया तो एक सधे हुए राजनेता की तरह उन्होने यह कहा कि पार्टी का निर्णय स्वीकार है।पार्टी की भावना का वे सम्मान करते हैं। पार्टी ने सोच समझकर ही उसे प्रत्याशी बनाया होगा। हालांकि उन्हे कोई आभास नहीं था लेकिन कल ही उनके नालेज में लाया गया। बारह महीने चौबीस घंटे भाजपा के कार्यकर्ता तैयार रहते हैं जिनके बल पर वे चुनाव जीतते आए हैं और इस बार भी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे।

अब सवाल यह उठ रहा है कि दक्षिण की बागडोर कौन संभालेगा। राजनीति में गहरी दखल रखने वालों का कहना है कि बृजमोहन का कोई विकल्प ही नहीं बना है। यदि पार्टी चाहे तो किसी को भी उपचुनाव में दक्षिण से टिकट दे सकती है? दक्षिण विधानसभा से अभी से विधायक बनने के लिए नेतागण प्रयास करना शुरू कर दिए है। अभी जिन नामों पर चर्चा हो रही है उनमें सबसे पहला नाम नगर निगम के उपनेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा, नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे, अमित साहू, सुभाष तिवारी, रामकृष्ण धीवर सहित लगभग एक दर्जन नाम है।

अब बात चुनाव की करें तो कांग्रेस के जो दावेदार अब तक आगे आ रहे थे वे भी बृजमोहन का नाम आ जाने के बाद पीछे हटते नजर आ रहे हैं।बस इतना कह रहे हैं पार्टी कहेगी तो जरूर लड़ेंगे,यहां तक कि अब भूपेश बघेल के भी यहां से चुनाव लडऩे की संभावना भी दूर हो गई है। वहीं भाजपा द्वारा सभी 11 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर देने से भी कांग्रेस दबाव में आ गई है। प्रचार प्रसार में भाजपा आगे निकल जायेगी क्योकि अभी तो चुनाव की तारीख भी घोषित नहीं हुई है।

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