महाकौशल कला परिषद एवं गुढ़ियारी गौड़ ब्राह्मण समाज तथा गौड़ ब्राह्मण समाज संस्था का आयोजन
रायपुर (khabargali) महाकौशल कला परिषद एवं गुढ़ियारी गौड़ ब्राह्मण समाज,तथा गौड़ ब्राह्मण समाज संस्था द्वारा राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी ( परशुराम) का महाकौशल कला वीथिका में परशुराम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में 21 अप्रैल 2023 को संध्या 06 बजे से आयोजन किया जा रहा है. परशुराम नामक राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन डॉ दिनेश मिश्र, अध्यक्ष,अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के द्वारा किया जाएगा ।
इन कलाकारों की होंगी कलाकृति
महाकौशल कला वीथिका की इस कला प्रदर्शनी में देश के जाने-माने वरिष्ठ कलाकार, युवा कलाकार ,बाल कलाकार ,अपनी रचनाओं के साथ समाहित किए गए हैं.निर्णायक समिति ने 50 रचनाएं जो परशुराम को परिभाषित करती इस कला प्रदर्शनी हेतु चयनित की है . प्रोफेसर कल्याण प्रसाद शर्मा, सु श्री मिर्जा ईस्माइल बेग ( जबलपुर ), अवतार सिंह भंगल, निकहत फातिमा,मनीष महानंद (मुंबई), अजय तिवारी ( अहमदाबाद), डॉ प्रवीण शर्मा, तरुण वंशपाल , अरविंद यदू, डॉ शिखर शर्मा, दिशा ठाकुर, शांभवी शर्मा, समृद्धि , समिक्षा दुबे, समवेद शर्मा, पिनाका नाग, आराध्या गुप्ता, श्रीमती सुधा शर्मा, असीम प्रताप हिरवानी, राधिका दुबे, धनंजय पवार ,पार्थ राय सागर, सार्थ राय सागर ,अमृता भट्टाचार्य, ए व्ही आदित्य, नियति , आदि कलाकारों ने भाग लिया है।
ये होगा कला का माध्यम
इस प्रदर्शनी में रचनाएँ जलरंग, तैल रंग, पेस्टल, चारकोल, स्याही, एक्रिलिक रंग, काष्ठ, प्लास्टर आफ पेरिस, सीमेंट, मिश्रित माध्यम, से निर्मित की गई हैं।
विषय वस्तु
भगवान शिव की आराधना करते परशुराम,विषय पर आधारित इस कला प्रदर्शनी में परशुराम के रोद्र रूप का चित्रण और उनके पृथ्वी को क्षत्रिय विहीन करने का सजीव चित्रण किया गया है। परशुराम पर कलाकारों ने बहुतेरी रचनाओं का निर्माण किया है ।भगवान परशुराम की अद्भुत छवि काष्ठ माध्यम में प्रदर्शित की गई है. कलाकार ने अपनी रचनाओं में उकेरा है कई कलाकारों ने परशुराम के भगवान गणेश जी से हुए भीषण युद्ध को,मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र के विवाह में भगवान शंकर के धनुष को तोड़ने पर राम- परशुराम संवाद पर रचना का निर्माण किया है। कई कलाकारों ने अनुभव जनित परशुराम पर ध्यान केंद्रित किया गया है ।
यह राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी शनिवार को संध्या 5:00 से 7:00 तक एवं रविवार 23 अप्रैल 2023 को प्रातः 10:00 बजे से 12:00 बजे तक महाकौशल कला वीथिका में दर्शकों के अवलोकनार्थ निशुल्क खुली रहेगी। देश के 50 कलाकारों की चयनित रचनाएं जो शहर में पहली बार परशुराम विषय पर आधारित है महाकौशल कला वीथिका में देखी जा सकती है जिसमें आध्यात्मिक रूप से परशुराम का विहंगम दृश्य और भगवान शिव की आराधना,मां का सौम्य रूप,परशुराम के रौद्र रूप में विनाश की लीलाओं का सजीव चित्रण कलाकारों ने किया है.
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