
रायपुर (khabargali) तिरुपति माला मंदिर में प्रसादम् विवाद पर शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी निश्चलानांद सरस्वती महाराज ने सरकार पर धार्मिक क्षेत्रों को छल-बल से हथियाने का आरोप लगाया और धर्मांतरण और गौहत्या बंद कराने की अपील की और हिंदू राष्ट्र को लेकर पुरी शंकराचार्य ने एक बार फिर आवाज बुलंद की।
तिरुपति माला मंदिर के प्रसाद विवाद पर बात करते हुए शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी निश्चलानांद सरस्वती महाराज ने कहा कि, धार्मिक और अद्यात्मिक क्षेत्र में छल,बल से शासन ने अपने हाथ में ले लिया, इसके कारण इसकी दिशाहीनता हो गई। सत्ता लोलुपता और अदूरदर्शिताकी चपेट में आने के कारण राजनीति और राजनेता दिशाहीन है, उसी का फल है। सोधन की प्रक्रिया पंडितों ने अपने तरीके से निभाई है। शास्त्रीय विधाता के अऩुसार अपवित्र वस्तु का प्रयोग न भी हो तो भी अयोग्य लोगों का प्रवेश तो हो ही रहा है। पर्यटन का क्षेत्र बना दिया गया है. यह भी दिशाहीनता है। इसका पुरातन होना ही चाहिए। जो अराजक तत्व हैं, सभी क्षेत्र में प्रविष्ट हो चुके हैं। दिशाहीन व्यापारी, धार्मिक और अध्यात्मिक क्षेत्र में भी प्रविष्ठ हो चुके हैं। जितनी तारक सामग्री को मारक सामग्री बना दिया। राजनेताओ में सुशासन की क्षमता नहीं रह गई। देशी विदेशी कंपनियों को सिर्फ ठेका दे रही है। यही कंपनी देश विदेश को चला रही है। कालांतर में यह क्षमता भी नहीं रह जाएगी। पूरा विश्व दिशाहीन व्यापार का तंत्र बन जाएगा। शंकराचार्य जी रायपुर में मीडिया से चर्चा कर रहे थे।
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