Khabargali. साहित्यकार , पर्यावरणविद , कृषि उद्यमी , समाजसेवी डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी, कोंडागांव , बस्तर , छत्तीसगढ़ ने ख़बरगली के आग्रह पर एक ताजा कविता लिखी है..
उम्मीदें इस दिल में हर पल ज़िन्दा रख लेता हूँ । राहों में खिलते -मुस्काते फूल यकीं के रख देता हूँ ।।
मिल जाए हक़ हर किसान को , इसकी खातिर । मुंसिफ और हुक्मरानों तक दावे पेश कर देता हूं ।।
खुशियाँ सारे जहाँ की , तुम्हें हो जायें हासिल । हर इक सांस में ये दुआ, कई बार कर लेता हूँ ।।
बहती हवा जब भी मुझसे, ज़िक्र तुम्हारा करती है । पयामे - दिल को उसके हवाले फिर कर देता हूँ ।।
रूबरू मिलने के मौके जब होते नहीं । शब्दों से उन्हें छूने की कोशिश कर लेता हूँ ।।
.ख़ाब में जब- जब मेरे सामने तुम आ जाते हो । मत पूछो, फिर तुमसे , कितने शिकवे गिले कर लेता हूँ ।।
दौलत, शोहरत ,शफ़क़त जो भी जहाँ में हासिल है । एक तुम्हारी खुद्दारी पर, निछावर कर देता हूँ ।।
तुम क्या जानो , आलमे हिज्र में ,कभी कभी तो । तस्वीरों में रंग तुम्हारे सादेपन के भर लेता हूँ ।। .
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