benaam

Khabargali। हम जहां खड़े हो जाते हैं, लाइन वहां से शुरु होती है.... इस संवाद में जो मजा है वो मजा अब नजर नहीं आता. ये शख्स जिसने ये संवाद बोले वो अब भी जहां खड़े हो जाते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है. फिल्मी दुनिया के 50 साल के सफर में उन्होंने अभिनय और सफलता की एक ऐसी रेखा खींच दी है कि बहुतों के लिए वह लक्ष्मण रेखा बन गई है.