रेणुका सिंह

असली छत्तीसगढिया चरित्र के चमकने का अवसर|   -  योगेश कुमार ठाकुर

ख़बरगली @लेख, साहित्य डेस्क

चुनाव होते हैं, सत्ताधीश आते-जाते हैं लेकिन इस बार छत्तीसगढ एक ऐतिहासिक बदलाव के मोड़ पर है| कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा इस क्रांतिकारी परिवर्तन को रोकने-थामने की कोशिश की जा रही है| भूपेश बघेल ने  जातिवादी राजनीति का जो दौर शुरु किया था उसे भाजपा के राज्य नेतृत्व ने काटा नहीं बल्कि उसी का दूसरा वर्शन चलाने की कोशिश की| छत्तीसगढ का जो खास देहाती चरित्र है वह महानदी कछार के चारों ओर के आदिवासी क्षेत्रों से आता है| जब से छत्तीसगढ राज्य बना है यहां लूट-खसोट और अय्याशी