सर्वगुण संपन्न
लघुकथा
“लड़की पढ़ी लिखी है, दिखने में ठीक-ठाक है, हंसना- बोलना जानती है, हुनरमंद है, नौकरी भी अच्छी है, और चाहिए ही क्या है...?” प्रतीक ने अपने शब्दों के हेर-फेर से, यह जता दिया कि वो निष्ठा से विवाह करने के लिए तैयार है. हर भारतीय परिवार की तरह प्रतीक के परिवार में भी ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी. और बड़े ताउजी ने निष्ठा के पिताजी को फ़ोन लगाकर अपनी ख़ुशी बाँट ली.
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