विवेकानंद

ख़बरगली @ साहित्य डेस्क

(रायपुर के बूढ़ापारा के जिस घर में 1877 से 1879 तक विवेकानंद रहे वह अब स्मारक का रूप लेने जा रहा है। देर से ही सही शासन ने सुध ली है तो सराहना के साथ वह बधाई की अधिकारी भी है। हमारी धारणा है कि किशोर नरेंद्र को विवेकानंद बनाने में रायपुर के संस्कारों की भी भूमिका रही है। वह घर 'डे भवन'सिर्फ इसलिए ही ऐतिहासिक नहीं कहा जा सकता कि वहां विवेकानंद रहे, बल्कि इसलिए भी क्योंकि वह हरिनाथ डे का पैतृक निवास था। लेकिन ये हरिनाथ डे थे कौन? -आशीष सिंह)