व्यंग्य

व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा की कलम से

ख़बरगली @ साहित्य डेस्क

पर ये शंकराचार्य हैं कौन, जो राम मंदिर के उद्घाटन का मजा किरकिरा करने आ गये। माने ये कि शंकराचार्यों का हिंदू धर्म से क्या लेना-देना है? छांट-छांटकर उद्घाटन की पार्टी का न्यौता देने वाले चंपत राय जी ने एकदम सही ही तो कहा है -- शंकराचार्य तो शैव संप्रदाय वाले हैं। शैव, शाक्त, सन्यासी आदि संप्रदाय वाले, राम के मंदिर के मामले में टांग क्यों अड़ा रहे हैं?