अब अंतरराष्ट्रीय रैफरी ने खोली बृजभूषण की पोल

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कहा, महिला पहलवानों से बृजभूषण का अनुचित बर्ताव कई बार देखा

नई दिल्ली (khabargali) विवादों से घिरे पूर्व भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं अब अंतरराष्ट्रीय रैफरी जगबीर सिंह ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उन्होंने 2013 के बाद से कई मौकों पर महिला पहलवानों के प्रति बृजभूषण शरण सिंह का अनुचित रवैया देखा है। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत भारत के शीर्ष पहलवान महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप में भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं ।

जगबीर ने पीटीआई से कहा, ‘ मैं 2007 से यूडब्ल्यूडब्ल्यू का रैफरी हूं और प्रदर्शनकारी पहलवानों के जन्म से पहले से रैफरिंग कर रहा हूं। मैं बृजभूषण को भी लंबे समय से जानता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘ लड़कियों के शिकायत दर्ज कराने तक मैं ज्यादा कुछ कह नहीं सका। मैं कुछ कर भी नहीं सका, लेकिन मैने अपनी आंखों से देखा है और मुझे बुरा लगा है ‘ उन्होंने कहा, ‘उसके अध्यक्ष बनने के बाद 2013 में कजाखस्तान के दूसरे दौरे पर उसने हमसे कहा कि मैं आज भारतीय खाना खिलाऊंगा और जूनियर पहलवानों के होटल में पार्टी रखी ।’

उन्होंने कहा, ‘बृजभूषण और थाईलैंड के उसके साथी नशे में धुत थे और लड़कियों से बदसलूकी की। मैने यह अपनी आंखों से देखा है ।’ जगबीर ने कहा, ‘ वर्ष 2022 में मैने कुछ देखा । जब भी बृजभूषण राष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिये देश में यात्रा करते तो दो या तीन लड़कियां उनके साथ रहती, लेकिन हम कभी विरोध नहीं कर सके। मैने अपनी आंखों से देखा है ।’ जगबीर दिल्ली पुलिस के सामने भी कह चुके हैं कि प्रदर्शनकारी पहलवानों के आरोप सही हैं । उन्होंने नाबालिग पहलवान के पिता के यू टर्न लेने पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया । उन्होंने कहा, ‘ मैं नाबालिग लड़की के पिता के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा । मैं जानता भी नहीं कि वह नाबालिग पहलवान कौन है । मैं वही कह रहा हूं जो मैने अपनी आंखों से देखा है । 25 मार्च 2022 को ट्रायल के बाद फोटो खिंचवाने के समय एक लड़की अध्यक्ष के पास खड़ी थी, लेकिन अचानक असहज होकर वहां से चली गई थी ।

पहलवान को ‘सीन री-क्रिएशन’ के लिए ले जाया गया WFI ऑफिस !

दिल्ली पुलिस शुक्रवार को एक महिला पहलवान को भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के आधिकारिक आवास पर ले गई ताकि उन घटनाक्रमों का नाटकीय रूपांतरण किया जा सके, जिसके तहत यौन उत्पीड़न की घटना हुई थी। हालांकि, महिला पहलवान को कथित तौर पर ‘बृजभूषण के घर’ ले जाने की खबरें वायरल होने के बाद, नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त के कार्यालय ने ट्वीट कर स्पष्ट किया कि यह खबर ‘गलत’ थी और दिल्ली पुलिस महिला पहलवान को जांच के लिए डब्ल्यूएफआई कार्यालय ले गई थी। कार्यालय और बृज भूषण का घर एक ही सड़क पर स्थित हैं। एक छोटा सा कमरा, जहां वह मीडिया से बातचीत करते हैं, वह एकमात्र ऐसी चीज है जो डब्ल्यूएफआई कार्यालय को उसके प्रमुख के घर से अलग करती है।

बृजभूषण बोले, अभियोग पत्र दाखिल होने के बाद ही कुछ बोलूंगा

बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपने खिलाफ लगे यौन शोषण के मामले में मीडिया से बात करते हुए कहा है कि वह अब इस मुद्दे पर चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही कुछ प्रतिक्रिया देंगे। उन्होंने कहा, अभी पुलिस जांच कर रही है। 15 तारीख तक पुलिस चार्जशीट फाइल करेगी। 15 तारीख के बाद अगर बोलने की जरूरत होगी तो बोला जाएगा। मुझे नहीं लगता कि इस मामले में अभी मुझे कुछ बोलना चाहिए।

11 को करेंगे शक्ति प्रदर्शन

विवादों से घिरे पूर्व भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह 11 जून को अपने संसदीय क्षेत्र में केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर एक बड़ी जनसभा कर शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। इस रैली में एक लाख से अधिक भीड़ जुटने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके आयोजक खुद बृजभूषण शरण सिंह होंगे जबकि मुख्य अतिथि के तौर पर मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव मुख्य शिरकत करेंगे। कैसरगंज में 11 जून को होने वाली इस रैली की तैयारियां जोरशोर से शुरु कर दी गई है। इस रैली को अयोध्या में 5 जून को हुई जनचेतना रैली से जोड़कर देखा जा रहा है, हालांकि इस रैली को रद्द करना पड़ा था। सियासी जानकार इस रैली को सांसद बृजभूषण शरण सिंह के शक्ति प्रदर्शन से भी जोड़ कर देख रही हैं। रैली को लेकर बृजभूषण शरण सिंह के निजी सचिव संजीव सिंह ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां शक्ति प्रदर्शन करती रहती हैं, इससे लोग जुड़ते हैं. इस रैली के सामने हमारे विरोधी बौने हैं। उन्होंने कहा कि ये रैली 11 जून को बीजेपी के केंद्र में 9 साल पूरा होने पर किया जारहा है।

पुलिस जांच जारी रख सकती है : विधि विशेषज्ञ-

भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप लगाने का दावा करने वाले नाबालिग पहलवान के पिता का यू टर्न निर्णायक नहीं होगा। कानून विशेषज्ञों का मानना है कि प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज होने के बाद मामला दिल्ली पुलिस के पास है और पुलिस अपनी जांच जारी रख सकती है। इस बात की जांच के आदेश दिये जाने चाहिये कि आरोप दाखिल किये जाने में विलंब क्यों हो रहा है, क्योंकि इससे ऐसी स्थिति बन रही है, जिससे गवाह प्रभावित हो रहे हैं। यौन उत्पीड़न के मामले में नाबालिग पहलवान के पिता के बयान बदलने पर विनेश फोगाट ने निराशा जाहिर की है।

4 जून के हुई थी अमित शाह से मुलाकात

रेसलर्य और WFI पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण विवाद में नई संसद भवन के सामने 28 मई को हंगामे और पहलवानों की FIR सामने आने के बाद गृह मंत्रालय एक्टिव हुआ। 4 जून को गृहमंत्री अमित शाह के घर बजरंग विनेश और साक्षी मलिक ने उनसे मुलाकात की जो 2 घंटे चली। इस मुलाकात में कोई तीसरा पक्ष मौजूद नहीं था। बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से बड़ा प्रदर्शन कर रहे पहलवान अचानक साइलेंट हो गए। इसका बड़ा कारण अमित शाह से मुलाकात माना जा रहा है। इस बड़ा कारण यह भी है कि इसके तुरंत बाद पहलवानों ने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली। हालांकि बजरंग, विनेश और साक्षी ने साफ किया है कि वह अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए नौकरी पर लौटे हैं, लेकिन इंसाफ के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी। इस पूरे विवाद की वजह से भाजपा के अंदर भी बेचैनी है। BJP का एक बड़ा धड़ा बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में है।

ये हैं आरोप

 बृजभूषण शरण सिंह पर छह महिला पहलवानों और एक नाबालिग द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है और दो अलग-अलग एफआईआर के तहत मामला दर्ज किया गया है। नाबालिग ने अपने पिता के अनुसार, 5 जून को पटियाला हाउस कोर्ट में एक न्यायाधीश के समक्ष दर्ज कराए गए एक दूसरे बयान में उत्पीड़न से इनकार किया एफआईआर में, शिकायतकर्ताओं में से एक ने आरोप लगाया था कि बृज भूषण ने अपने कार्यालय में रहते हुए उससे कहा था कि यौन संबंधों के बदले में उसे लगी चोट का खर्च महासंघ उठाएगा। एक अन्य शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश की थी, जिससे वह डर कर ऑफिस से भाग गई थी। एक तीसरी शिकायतकर्ता ने कहा कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने अपने कार्यालय के एक सोफे पर उसके हथेलियों, घुटनों और जांघों पर हाथ लगाया. इस घटना से वह बुरी तरह डर गयी थी। सरकार 15 जून तक पहलवानों को अपना विरोध प्रदर्शन बंद करने के लिए राजी करने में सफल रही, और उन्हें उस तारीख तक यह आश्वासन दिया गया है कि दिल्ली पुलिस इस मामले में चार्जशीट दायर करेगी। पुलिस ने कथित तौर पर मामले के लिए 200 से अधिक गवाहों का साक्षात्कार लिया है, लखनऊ और बृजभूषण के आवास का दौरा किया था और उनके सहयोगियों से पूछताछ की थी।