ख़बरगली @ सहित्य डेस्क
समाचार पत्र में कार्टून के महत्व को खूब समझते थे नैय्यर जी: सागर कुमार
श्री रमेश नैय्यर जी का जाना पत्रकारिता में बौद्धिक निर्वात उत्पन्न करेगा , मैं ऐसा मानता हूँ। बड़ी क्षति है। वो पत्रकारिता जगत के ध्रुव तारे हैं। उनकी स्थायी चमक कई युवाओं को दिशानिर्देशित करेगी । शायद 1996 की बात है जब नैय्यर जी भास्कर में संपादक हुआ करते थे और फ्रंट पेज प्रफुल्ल झा जी देखा करते थे। कार्टून की ताकत तो कहना गलत होगा , मगर नैय्यर जी समाचार पत्र में कार्टून के महत्व को खूब समझते थे। उन्होंने मेरा पहला कार्टून फ्रंट पेज पर ठीक मास्टहेड के नीचे तीन कॉलम में छापा था। इस एक कार्टून ने मेरी कार्टून यात्रा में सशक्त बीज का काम किया।
मेरी कार्टून की यात्रा भास्कर से शुरू हुई और लगभग 21 सालों तक खूब फली-फूली नवभारत रायपुर में। नवभारत में उस समय के संपादक स्वर्गीय श्री बबन मिश्र जी ने भी मुझे सीधे फ्रंट पेज पर जगह दी थी । आज देश-विदेश में 'सागर कुमार' जैसा एक अदना सा नाम स्थापित हो पाया है जिसमें इन दोनों महान पुरुषों का बड़ा योगदान है। औरों की तरह मैं भी उनका सदैव ऋणी रहूँगा । दोनों को नमन। श्री नैय्यर साहब की याद में आज मैंने उनका कैरीकेचर करने की कोशिश की है। आशा है आप सबको पसंद आएगा।
-सागर कुमार (कार्टूनिस्ट )
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