25 साल बाद बनी दवा..केवल 1,300 में मिलती है डोज तीन ही पर्याप्त
नई दिल्ली (khabargali) देश के विभिन्न अस्पतालों में लकवा (ब्रेन स्ट्रोक) व दिल का दौरा (हार्ट अटैक) के मरीजों की तादात 15 से 20 फीसद बढ़ गई है। आंकड़ों की माने तो भारत में लकवे और दिल के दौरे के करीब 13 लाख मरीज होते हैं। चिकित्सकों की राय है कि स्ट्रोक या हार्ट अटैक के मामलों में मरीजों को जल्द से जल्द प्राथमिक उपचार मिलना चाहिए। अगर इलाज में देरी हो गई तो बड़े से बड़ा अस्पताल भी कुछ नहीं कर सकता। लेकिन इस बीच अच्छी खबर यह है कि देश में लकवा या दिल के दौरे के इलाज के लिए करीब 25 साल बाद किसी कंपनी ने दवा का निर्माण किया है। फार्माज ने टाइवाल्जी नामक इस दवा को बनाया है और सनफार्मा पूरे भारत में इसका वितरण करेगी।
सबसे सस्ती और कारगर दवा
फार्माज के चेयरमैन अनिल गुलाटी ने बताया कि दवा को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के पास भेजा गया है। यह भारत में 1,300 रुपये प्रति डोज उपलब्ध होगी जो वर्तमान दवाओं के मुकाबले ज्यादा सस्ती और कारगर है। यह दवा सीधे ब्रेन में जाती है । इस दवा के मात्र तीन डोज से ही मरीज घर पर जा सकता है।
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