बड़ा फर्जीवाड़ा: अयोग्य किसानों के खातों में गए किसान सम्मान निधि के 3 हजार करोड़ रू.

Khabargali desk

नई दिल्ली(khabargali)। देश के किसानों के हित को ध्यान में रखकर बनाई गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) भी फर्जीवाड़े का शिकार हो रही है. सरकार ने संसद में बताया कि 42 लाख से ज्यादा अयोग्य किसानों (Ineligible Farmers) के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा गया है. यही नहीं इससे सरकार को लगभग 3 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान भी हो गया.

असम में सबसे ज्यादा मामले

कृषि मंत्रालय की ओर से एक सवाल के जवाब में संसद के भीतर यह जानकारी दी गई है. साथ ही बताया कि जिन अयोग्य किसानों के खाते में यह पैसा गया है उनसे रिकवरी की कोशिश की जा रही है. ऐसे सबसे ज्यादा मामले पूर्वोत्तर के राज्य असम से आए हैं, जहां करीब 8 लाख 35 हज़ार से ज्यादा अयोग्य किसानों के खाते में गए 554 करोड़ से ज्यादा की रकम गई है.

इसी तरह दूसरे नंबर पर तमिलनाडु रहा, जहां के 7 लाख 22 हज़ार से ज्यादा अयोग्य किसानों के खातों में गए करीब 340 करोड़ रुपये गए हैं. तीसरी नंबर पर किसानों का राज्य कहा जाने वाला पंजाब रहा है. पंजाब में करीब 5 लाख 62 हज़ार से ज्यादा अयोग्य किसानों के खातों में 437 करोड़ से ज्यादा की रकम गई है.

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महाराष्ट्र में 357 करोड़ ट्रांसफर

वहीं अगर रकम के लिहाज से देखें तो इस फर्जीवाड़े से सबसे ज्यादा नुकसान असम में हुआ, जहां 554 करोड़ से ज्यादा रुपये अयोग्य किसानों के खातों में ट्रांसफर हुए. दूसरे नंबर पर पंजाब रहा जहां करीब 437 करोड़ रुपये अयोग्य किसानों के खातों में ट्रांसफर हुए. इसी तरह तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र रहा, जहां 357 करोड़ से रुपये अयोग्य किसानों के खातों में ट्रांसफर हुए हैं.

इन अयोग्य किसानों का पता कृषि मंत्रालय को किसानों के आधार/PMS/इनकम टैक्स डेटाबेस का वेरिफिकेशन करने के दौरान पता चला. ये सभी 42 लाख से ज्यादा लोग किसान सम्मान निधि के लिए अयोग्य हैं, साथ ही इनमें से कुछ किसान ऐसे भी हैं जो इनकम टैक्स के दायरे में भी आते हैं.

 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देश भर के छोटे किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये 2-2 हज़ार की तीन किश्तों में सरकार देती है. इससे गरीब और कम जमीन वाले किसानों को काफी लाभ भी पहुंचा है और उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में यह योजना काफी मददगार साबित हुई है.