6.5 करोड़ कैश, गोल्ड और ज्वेलरी बरामद किए गए.. ईडी के ने किए ये 8 बड़े खुलासे
रायपुर(khabargali) छत्तीसगढ़ में मनी लांड्रिंग मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कई दिनों से चल रही कार्रवाई रही है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत तलाशी अभियान चलाया गया था। अवैध उगाही और सबूतों को नष्ट करने की साज़िश को लेकर आयकर विभाग के दर्ज किए गए मामले के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की गई। छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर एक साथ तलाशी ली गई। विभिन्न संदिग्धों से आपत्तिजनक सबूत और बेहिसाब नकदी और आभूषण जब्त किए। तीन गिरफ्तारियों और आरोपियों को रिमांड पर लिए जाने के बाद शुक्रवार को आधिकारिक रूप से कार्रवाई जब्ती का ब्योरा दिया गया है।
ईडी ने प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए उसे अपने ऑफिशियल ट्विटर एकाउंट पर साझा किया है।छापेमारी में जब्त की गई नगद राशि की अलग-अलग चार तस्वीरें शुक्रवार को ट्वीट कीं। ये साफ नहीं है कि ये रकम कहां से और किसके पास से मिलीं। इस मामले में एक आईएएस समीर बिश्नोई समेत तीन लोग ईडी की हिरासत में पूछताछ के लिए गए हैं। इनसे पूछताछ पूरी होने के बाद 21 तारीख को फिर रायपुर की अदालत में पेश किया जाएगा। संभावना है कि पूछताछ पूरी होने के बाद नए तथ्य सामने आएंगे।
ईडी के खुलासे के प्रमुख 8 बिंदु-
1. 2009 बैच के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और उनकी पत्नी के पास से 47 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 4 किलो के सोने के आभूषण पाए गए हैं।
2. ईडी ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि अब तक की जांच में 6.5 करोड़ रुपए कैश, गोल्ड और ज्वेलरी बरामद किए गए हैं।
3. इसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलिए भी शामिल हैं. ED ने बताया कि ये सभी अवैध और बेहिसाब नकदी की आवाजाही कर रहे थे।
4. ईडी ने कहा है कि शुरूआती जाँच में रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू भी अपने सरकारी आवास से गायब पाई गईं थीं।
5. प्रेस रिलीज़ में ईडी ने बताया कि जांच के दौरान सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से 1.5 करोड़ रुपये नकद बरामद किया गया। उसने स्वीकार किया है कि वह रोजाना कोयला एनओसी की अनुमति देने के बदले 1-2 करोड़ की जबरन वसूली करता था। ईडी ने दावा किया कि यह वसूली वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस, नेताओं और दलालों में बांटे जाते थे। ईडी ने कहा है कि बड़े कोयला कारोबारी और इंद्रमणि ग्रुप के सुनील कुमार अग्रवाल इस पूरे रैकेट में शामिल था। वह सूर्यकांत तिवारी का बड़ा कारोबारी भागीदार भी है।
6. ईडी ने प्रेस नोट में दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन की एनओसी या अनापत्ति प्रमाणपत्र देने के लिए वसूली का पूरा रैकेट काम कर रहा है।
7. ED ने कहा कि इंद्रमणि समूह के सुनील कुमार अग्रवाल, एक बड़ा कोयला व्यवसायी है, जो इस रैकेट में शामिल पाया गया।
8. ईडी ने कहा है कि पूरे मामले की जांच अब भी जारी है।
ये है ईडी का प्रेस नोट
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