ये मित्रकाल के विरुद्ध लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई: राहुल
सूरत (khabargali) लोकसभा की सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गांधी सोमवार को सूरत सेशन कोर्ट पहुंचे जहाँ उन्होंने सेशन कोर्ट में सोमवार को दो अर्जी लगाईं। एक मानहानि केस में मिली सजा को रद्द करने के लिए थी, जबकि दूसरी में रेगुलर बेल मांगी गई। कोर्ट ने राहुल को जमानत दे दी है। सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तारीख तय की है। राहुल की केस रद्द करने की अर्जी पर 3 मई को सुनवाई की तारीख तय की है।
राहुल के साथ उनकी बहन प्रियंका, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी थे। अदालत में पेशी के लिए रवाना होने के पहले राहुल अपनी मां सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। सूरत की जिला अदालत से निकलते समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भीड़ का अभिवादन किया। राहुल के सूरत जाने पर राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि ये लोग अपील के नाम पर हुड़दंग करने जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि यह राहुल गांधी के साथ उनकी एकजुटता है।
कोर्ट से निकल कर यह ट्वीट किया राहुल ने
सूरत कोर्ट से राहत मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, ‘ये मित्रकाल के विरुद्ध लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में सत्य मेरा अस्त्र है और सत्य ही मेरा आसरा!’
आगे क्या होगा?
सूरत कोर्ट में सुनवाई के बाद राहुल की सजा बरकरार रह सकती है या कम भी सकती है, या फिर उन्हें बरी भी किया जा सकता है। अगर सूरत कोर्ट से राहत नहीं मिलती तो राहुल के पास हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प भी होगा। सूरत कोर्ट अगर राहुल की सजा पर रोक नहीं लगाता, तो भी राहुल ऊंची अदालतों में जा सकते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी बहाल हो सकती है और वो बरी भी हो सकते हैं लेकिन ये सब कुछ ऊपरी अदालत में तय होगा।
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