फीस निर्धारण को लेकर पालक संघ और निजी स्कूल के बीच बैठक, संघ का आरोप बैठक के नाम पर केवल खानापूर्ति

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रायपुर(khabargali)। स्कूलों में फीस निर्धारण को लेकर पालक संघ और निजी स्कूल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की संसदीय सचिव, कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी के बीच हुई बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई. पालक संघ ने आरोप लगाया कि बैठक के नाम पर केवल खानापूर्ति हुई है.

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा कि लगातार फ़ीस विवाद लेकर निजी स्कूल पालक के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई है. स्थिति को देखते हुए बैठक हुई. बैठक में तय हुआ कि हर स्कूल में कमेटी होगी. स्कूल में निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे, और उनके नाम नंबर बोर्ड पर चस्पा किया जाएगा, इसके साथ ही निजी स्कूलों से कहा गया है कि गरीब असहाय लोग जो फीस देने में सक्षम नहीं है उन्हे तंग ना करें.

फीस अधिनियम का कड़ाई से पालन

जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारे ने बताया कि कोई भी पालक परेशान ना हो. स्कूल फीस में नियंत्रण रहे इसके लिए फीस अधिनियम प्रदेश में लागू है. सभी स्कूल के लिए एक समिति बनी है, और एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. स्कूल फीस का निर्धारण पालक, स्कूल प्रबंधन और समिति मिलकर करते हैं, ये बात रखी गई है. अधिनियम का कड़ाई से पालन कराया जाएगा.

प्रायवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशऩ के प्रदेश राजीव गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में कोई ट्यूशन फीस निर्धारित नहीं है, और ना कोर्ट के आदेश में ट्यूशन फीस की व्याख्या है, इसलिए सभी आपसी सहमति से ट्यूशन फीस निर्धारित कर फीस ले रहे हैं.

गौरतलब है कि बैठक में जो चर्चा हुई, और जो तय किया गया है, वह सभी बातें फीस अधिनियम में पहले से तय है. जिस अंदाज में बैठक की भूमिका बनाई गई थी, उससे सभी को कुछ समाधान निकलने का आस थी, लेकिन बैठक में कोई कारगर फैसला नहीं हुआ. मुख्य विवाद कोरोना कॉल में स्कूलों के बंद होने के बाद भी पूरी फीस लेने का है. इस पर ना फीस अधिनियम में कोई प्रवाधान है, ना ही बैठक में इस पर निर्णय लिया गया.

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