शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती बोले, गोडसे के वक्तव्य की 70 पृष्ठों की पुस्तक पढ़िए..उनकी वेदना क्या थी उसे समझिए!

Shankaracharya Nischalanand Saraswati, Nathuram Godse, book of 70 pages, pain, assassination of Mahatma Gandhi, Giriraj Singh, Raipur, Chhattisgarh, news,khabargali

16 जून को रायपुर में होगी धर्म सभा, तैयारियों का जायजा लेने शंकराचार्य रायपुर पहुंचे

रायपुर (khabargali) शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती अपने निजी दौरे पर रायपुर पहुंचे। जहां उन्होंने देश में चल रहे सियासी बवाल पर कुछ ऐसी बातें कह दी, जो अब चर्चा में हैं। दरअसल कई राजनेताओं के बीच गोडसे को बेहतर बताने की होड़ चली है। जब मीडिया ने इस पर शंकराचार्य की प्रतिक्रिया लेनी चाही तो शंकराचार्य ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की वेदना की ओर ध्यान दिलाते दिखे।

उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा-

गोडसे के विचार से मुझे सहमत या असहमत मत मानिए। गोडसे जी की वेदना क्या थी गोडसे के वक्तव्य की 70 पृष्ठों में लगभग पुस्तक है। उसे पढ़िए। जो प्रतिबंधित है। किसी पुस्तकालय में हो तो पढ़िए। कोई भी बोलता है तो कुछ सहमत होते हैं कुछ असहतम होते हैं ।भगवान राम ही वक्ता क्यों न हों, सब तो सहमत नहीं हो पाते हैं।

उन्होंने कहा- ‘गोडसे जी’ ने जो वक्तव्य दिया बहुत मार्मिक है। उन्होंने लिखा था अपनी मौत को स्वीकार करके ही गांधी जी को मारने जा रहा हूं या मैंने मारा, फांसी की सजा से पहले। क्या वेदना थी .. उसे समझिए। हालांकि गोडसे ने कभी अपने उठाए कदम को सही नहीं कहा।

केंद्रीय मंत्री ने बस्तर में की गोडसे की तारीफ-

चार दिनों के प्रवास पर बस्तर पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को दंतेवाड़ा में कहा, नाथूराम गोडसे गांधी के हत्यारे हैं, लेकिन भारत में ही उनका जन्म हुआ और वे भारत के ही सपूत हैं। ओवैसी के गोडसे की औलाद वाले बयान पर गिरिराज सिंह ने कहा, औरंगजेब व बाबर की तरह गोडसे आक्रांता नहीं थे। जिसे खुद को बाबर कहलवाने में खुशी होती है। वो भारत माता के सपूत हो ही नहीं सकते। केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने बस्तर में धर्मांतरण की छूट दे रखी है। एक तरफ आदिवासियों और गैर आदिवासियों का धर्मांतरण करवाया जा रहा है, दूसरी तरफ धर्मांतरण का विरोध करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाई जा रही है।

16 जून को रायपुर में होगी धर्म सभा-

राजधानी रायपुर में स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस 81वां प्राकट्य महोत्सव मनाने की तैयारी जोरों पर चल रही है। रावाभाठा में शंकाराचार्य के राष्ट्रोत्कर्ष दिवस पर 81वां प्राकट्य महोत्सव मनाया जाएगा। 16 जून को उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए रुद्राभिषेक एवं कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसमें 11 हजार लोग शामिल होंगे। इसके साथ ही शंकराचार्य आश्रम में धर्म सभा का आयोजन होगा। इसमें 21 हजार लोग शामिल होंगे। इसी की तैयारियों का जायजा लेने शंकराचार्य रायपुर पहुंचे हैं।