
128 सांसदों का समर्थन मिला, 95 का विरोध; कल लोकसभा में पास हुआ था
नई दिल्ली (khabargali) वक्फ संशोधन बिल गुरुवार देर रात राज्यसभा में भी पास हो गया। बिल के समर्थन में 128 सांसदों ने वोट दिया और विरोध में 95 वोट दिया। इससे पहले बुधवार देर रात को वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास हुआ था। लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े थे और विरोध में 232 वोट मिले थे। राज्यसभा में बिल पर गुरुवार दोपहर 1 बजे से चर्चा जारी थी। जो करीब 13 घंटे चली। राज्यसभा में रात ढाई बजे के बाद तक कार्यवाही चलती रही। ऊपरी सदन में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी पूरे वक्त मौजूद रहे। रात 2.20 बजे अंतिम मतविभाजन की कार्यवाही चालू हुई। कुल 223 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा लिया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रात ढाई बजे अंतिम नतीजों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि विधेयक के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट डाले गए। बिल पर विपक्ष के सारे संशोधन प्रस्ताव खारिज कर दिए गए। दोनों सदनों की मंजूरी के बाद इस विधेयक के कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ये कानून बन जाएगा।
बहस के दौरान राज्यसभा में मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आप चाहते हैं कि वक्फ बोर्ड में बस मुस्लिम ही बैठे। हिंदू या किसी दूसरे धर्म के लोगों के साथ कोई विवाद होगा तो कैसे तय होगा। इस तरह की बॉडी जो है, वह सेक्यूलर होना चाहिए। इसमें चार लोग हैं तो वह निर्णय कैसे बदल सकते हैं। वह तो बस अपने एक्सपर्टाइज का उपयोग कर सकता है। चंद लोग पूरा का पूरा प्रॉपर्टी कब्जा करके रखे हुए हैं। कल से इसका कितना स्वागत होता है, देखिएगा। हम नहीं, मुसलमानों को विपक्ष के लोग डरा रहे हैं और मुख्यधारा से बाहर करने की कोशिश कर रहे हैं। सीएए पर जिन्होंने कहा था कि इसके पारित होने के बाद मुसलमानों की नागरिकता छिन जाएगा। किसी की नागरिकता छिनी। ये बिल आज पारित हो जाएगा और इससे किसी एक मुसलमान का नुकसान नहीं होने वाला, करोड़ों मुसलमानों का फायदा होने वाला है। राज्यसभा में वक्फ बिल पर वोटिंग को लेकर वाईएसआर कांग्रेस ने भी व्हिप जारी नहीं किया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ज्यादा बड़ी बातें बोलने वाले लोग सत्य से परे बोलने वाले लोग हैं। खरगे ने कहा कि मुसलमानों को तंग करने के लिए हर चीज में आप हाथ डाल रहे हैं। ये अच्छा नहीं है। आप झगड़े का बीज डाल रहे हैं। आप उनको दबाने की कोशिश करेंगे तो ये आपको ही सुलझाना पड़ता है। श्री खरगे ने कहा कि पहले सांसद, पूर्व जज का सेंट्रल वक्फ बोर्ड में मुस्लिम होना जरूरी था, अब इस अनिवार्यता को हटा दिया है। मुस्लिम तो छोड़ो, मैं हिंदू हूं, मेरे जैसे दलित समाज के लोगों को भी नहीं रखते आप मंदिरों में। अब क्या कर दिए, मुसलमानों को निकाल दिए और गैर मुस्लिमों को डाल दिए। अपने गृह मंत्री से अपील करूंगा कि आप इसे प्रेस्टिज इश्यू मत बनाओ। मुसलमानों के लिए ये अच्छा नहीं है और संविधान के ये खिलाफ है।
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