आपके नेत्रदान से किसी और की आंख हो सकती है रौशन- डा.सक्सेना
रायपुर (khabargali) देश भर में 8 सितंबर तक नेत्रदान को लेकर जन जागरूकता अभियान चल रहा है। इसी कड़ी में राजधानी रायपुर में मध्यभारत की सबसे पुरानी और विश्वसनीय आइ संस्थान श्री अरविंदो मेडिकल रिसर्च सेंटर की यूनिट श्री अरविंदो नेत्रालय द्वारा रविवार 3 सितंबर को मरीन ड्राइव में आइ(नेत्र)डोनेशन कैम्प लगाया गया था जिसमें मुख्य रूप से विशेषज्ञों ने यह बताया कि नेत्र शरीर का एक संवेदनशील अंग है जिसकी सुरक्षा व देखभाल शरीर के लिए काफी अहम है।
नेत्रदान से बढ़कर कोई महादान नहीं है,आपके नेत्र दान करने से किसी और की आंख रौशन हो सकती है इससे बड़ी बात क्या हो सकती है,नेत्र प्रत्यारोपण से किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है और न ही नेत्र दान करने से,इसे लेकर किसी प्रकार का भ्रम या संकोच कतई नहीं होना चाहिए। इसकी जागरूकता को लेकर आज यह कैम्प किया गया था।
श्री अरविंदो नेत्रालय के प्रमुख नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर आनंद सक्सेना ने बताया कि जनजागरूकता की अभी भी जरूरत है इसलिए समय-समय पर इस प्रकार के आयोजन किये जाते हैं। किसी व्यक्ति या परिवार के सदस्य को जब ऑख की जरूरत हो गई तो उनके यहां आइ बैंक से उन्हे मदद दी जाती है। किसी भी प्रकार आंख की विकृति होने की स्थिति में या ऑख प्रत्यारोपण में कोई नुकसान नहीं होता है,जरूरत बस समय रहते नेत्र विशेषज्ञ तक पहुंचने की है। यदि कोई व्यक्ति ऑख दान करना चाहता है तो इसकी घोषणा व आसान प्रक्रिया पहले ही पूरी करनी होती है ,परिवार के सदस्यों के द्वारा सूचना दिए जाने पर मृतक के शरीर से 24 घंटे के भीतर चिकित्सकीय रूप में आंख डोनेट कर लिया जाना जरूरी होता है।
आज कल ऑखों की बीमारी बहुत तेजी से बढ़ते जा रहा है इसको ध्यान में रखते हुए इस प्रकार का कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें लोगों को ऑखों में होने वाली छोटी से लेकर बड़ी बीमारियों के बारे में बारीकी से बताया जा रहा है ताकि वे समय रहते अपनी ऑखों का इलाज करा सकें। क्योंकि बीमारी का पता नहीं लगने के कारण मरीज अंधत्व की ओर चले जाता है और उन्हें देखने के लिए दूसरे के ऑखों जरुरत पड़ती है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने आज आइ डोनेशन का कार्यक्रम आयोजित किया है ताकि ज्यादा के लोग ऑखों के दान का महत्व समझ सकें और ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद मरीज इसका लाभ उठा सकें।
अरविंदों नेत्रालय पूरे प्रदेश का पहला आइ नेत्रालय है जो मध्यप्रदेश के समय से यहां संचालित होते आ रहा है। यहां के डॉक्टर इतने अनुभवी है कि मरीज को पता ही नहीं चलता है कि कब उनका ऑपरेशन हो गया और वे अब पूरी तरह से अंधत्व से मुक्त हो गए है। अरविंदों नेत्रालय जब से छत्तीसगढ़ में आया है तब से आम नागरिकों के लिए समय-समय पर नि:शुल्क कैंप लगाकर लोगों की ऑखों की जांच कर रहे है और जिन मरीजों को नेत्र की जरुरत होती है उन्हें भी नि:शुल्क ऑपरेशन कर नेत्र लगाते आ रहा है, अभी तक किसी भी मरीज से कैंप में आने के दौरान शुल्क नहीं लिया गया है चाहे उन्हें ऑखों से संबंधित कोई भी छोटे या गंभीर बीमारी क्यों न हुआ है सभी मरीजोंं का इलाज नि:शुल्क किया जाता है।
डॉक्टर आनंद सक्सेना ने आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि जो भी नागरिक नेत्र दान करना चाहते हैं वे जरुर करें क्योंकि नेत्रदान से बड़ा कोई दान नहीं होता है। अंधत्व की बीमारी से ग्रसित मरीज को जब नेत्र मिल जाता है तो वह नेत्रदान में मिले दूसरे की ऑखों से इस पूरी दुनिया को देख सकता है जिसे वह अंधत्व के दौरान नहीं देख पाता था। इस डोनेशन कैम्प में उपस्थित काफी संख्या में लोगों ने जाना कि आंख दान करने की क्या प्रक्रिया है,इससे कोई हानि तो नहीं है। उन्होने इस जनजागरूकता कैम्प की प्रशंसा की।
डा.आनंद सक्सेना के अलावा अन्य विशेषज्ञ डा.अंकुर सक्सेना,डा.सुरभि सक्सेना,डा.मोनिश सक्सेना,डा.किरण अग्रवाल,डा.मीनाक्षी मसीह,अरविंदो नेत्रालय के स्टाफ,नेत्रदान में विशेष रूप से सहयोग प्रदान करने वाली संस्था बढ़ते कदम के सदस्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
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