सीबीएसई 12वीं के छात्रों के साथ हुए अन्याय को लेकर पालकों ने सीएम को लिखा पत्र

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रायपुर (khabargali) अभी हाल में बारहवीं सभी बोर्ड परिणाम आए और आप जानते हैं कि उसके बाद से प्रदेश के कॉलेजों में मनमाफिक विषय लेने की मारामारी हो गई। अखबारों में और न्यूज़ पोर्टल में इससे जुड़ी खबरें और कॉलेजों में विद्यार्थियों की भीड़ भी आप देख रहें हैं इस बीच सीबीएससी बोर्ड से पास विद्यार्थियों और उनके पालकों का दर्द सामने आया है। इन पालकों ने प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल जी को संबोधित करते हुए पत्र लिखा है। ख़बरगली को भी पालकों ने पत्र भेजकर उसे प्रकाशित करें।

पालकों ने जो पत्र भेजा है उसे हम जस का तस प्रकाशित कर रहें हैं।

आदरणीय श्री भूपेश बघेल जी, मुख्यमंत्री महोदय, सीबीएसई में पढ़ाई करने वाले हमारे बच्चे मुश्किल में हैं. 85 फीसदी अंक पाने के बाद भी उनको अच्छे सरकारी कालेज में प्रवेश नहीं मिल रहा. जबकि सीबीएसई बोर्ड की पढ़ाई और इस बार मूल्यांकन के तरीके राज्य बोर्ड से अलग थे. आपसे आग्रह है कि सीबीएसई बोर्ड से परीक्षा देने वाले राज्य के हजारों बच्चों के भविष्य का भी ध्यान रखा जाए. कालेज में प्रवेश के लिए सीबीएसई छात्रों का कोटा तय हो जाए या कॉलेज में उनके लिए सीटों की संख्या बढ़ा दी जाए. कोरोना संक्रमण की वजह से इस साल किसी भी बोर्ड ने 12वीं की फिजिकल परीक्षा नहीं की थी. सीबीएसई ने पूरे साल की गतिविधियों, दसवीं-ग्यारहवीं के नतीजों के आधार पर फॉर्मूला सेट करके नतीजे निकाले. राज्य बोर्ड के छात्रों के पास घर में बैठकर परीक्षा देने का विकल्प था. जो सीबीएसई की तुलना में बेहतर था. इसका असर परीक्षा नतीजों पर भी साफ दिखता है. स्टेट बोर्ड के ज्यादातर बच्चे 85-90 परसेंट से ज्यादा अंकों से पास हुए हैं. जबकि सीबीएसई में औसतन 70 से 80 फीसदी अंक मिले हैं. कालेज में प्रवेश के लिए अंकों का मापदंड रखा गया है. इसमें सीबीएसई में पढ़ाई करने वाले हमारे बच्चे मुश्किल में हैं. 85 फीसदी अंक पाने के बाद भी उनको अच्छे सरकारी कालेज में प्रवेश नहीं मिल रहा. जबकि सीबीएसई बोर्ड की पढ़ाई और इस बार मूल्यांकन के तरीके राज्य बोर्ड से अलग थे. आपसे आग्रह है कि सीबीएसई बोर्ड से परीक्षा देने वाले राज्य के हजारों बच्चों के भविष्य का भी ध्यान रखा जाए. कालेज में प्रवेश के लिए सीबीएसई छात्रों का कोटा तय हो जाए या कॉलेज में उनके लिए सीटों की संख्या बढ़ा दी जाए. हमें भरोसा है कि राज्य के बच्चों के हित को देखते हुए आप सही फैसला लेंगे.