हाई रिस्क फेक्टर मरीजों को होम आइसोलेशन के दौरान ज्यादा मॉनिटरिंग की आवश्यकता

Home Isolation, Doctor Incharge and Home Isolation Specialist Dr. Nilay Mojharkar, Webinar, Monitoring, Vaccine, Assistant Nodal Officer Dr. Anjali Sharma, Khabargali

होम आइसोलेशन से जुड़े डॉक्टरों और अधिकारियों का वेबीनार

दूध पिलाने वाली ऐसी माता जिनके बच्चे एक वर्ष से अधिक आयु के हो चुके है, वे भी लगवा सकती है कोरोना वैक्सीन

रायपुर (khabargali) रायपुर जिले में आज होम आइसोलेशन से जुड़े डॉक्टरों और अधिकारियों का वेबीनार के माध्यम से कोरोना मरीजों के इलाज, सावधानी और संबंधित अन्य महत्वपूर्ण विषयों में विचार- विमर्श किया गया । इसमे होम आइसोलेशन में काम कर रहे करीब 300 अधिकारी व डॉक्टरों ने हिस्सा लिया।

डॉक्टर इंचार्ज व होम आइसोलेशन स्पेशलिस्ट डॉ.निलय मोझरकर ने वेबीनार में बताया कि घर में रहते हुए मरीज की स्थिति गंभीर होने के पहले किन लक्षणों को देखा जाना अत्यंत जरूरी है। यदि उम्र 50 से अधिक हो, फैमिली में किसी की कोरोना से मृत्यु हुई हो, मरीज को कोई अनियंत्रित बीमारी हो ,तो वे हाई रिस्क फेक्टर है ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन के दौरान ज्यादा मॉनिटरिंग की आवश्यकता होती है। यदि मरीज को लंबे समय तक तेज बुखार है या ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे रहता है तो ऐसे मरीज को कोविड केयर सेंटर में भर्ती कर देखभाल की आवश्यकता होती है |

डॉक्टर मोझरकर ने वैक्सिन के बारे में बताया कि माइल्ड व मोडिरेट कोविड बीमारी को ठीक होने के तुरंत बाद वैक्सीन लगाई जा सकती है। केवल गंभीर बीमारी वाले या लंबे समय तक स्टेराइड की दवाइयां खाने वाले मरीजों को 3 महीने बाद वैक्सीन की सलाह दी जाती है। उन्होंने बताया कि दूध पिलाने वाली ऐसी माता जिनके बच्चे एक वर्ष से अधिक आयु के हो चुके है, वे भी लगवा सकती है कोरोना वैक्सीन ।

होम आइसोलेशन की सहायक नोडल अधिकारी डॉ अंजली शर्मा ने बताया कि होम आइसोलेशन में गर्भवती माताओं से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। मरीज द्वारा कंट्रोल रूम में सम्पर्क करने पर यह तुरंत उपलब्ध हो जाती है। डॉ. मोझरकर ने सिटी स्कैन की भ्रांतियों को भी दूर किया । उन्होंने बताया कि हर मरीज को प्रारंभिक दिनों में सिटी स्कैन की आवश्यकता नहीं होती ,केवल गंभीर स्थिति की तरफ जा रहे मरीजों को ही बीमारी के दूसरे या तीसरे हफ्ते में सिटी स्कैन की आवश्यकता पड़ सकती है। ज्यादा सिटी स्कैन स्कोर होने पर भी अगर बीमारी के अन्य लक्षण ठीक है तो घर पर ही मरीज का इलाज किया जा सकता है।